संगम तट पर सो रहे लोगों को रौंद गई
श्रद्धालुओं ने बताया आंखों देखा हाल
महाकुंभनगर 29 Jan,(Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। मौनी अमावस्या पर त्रिवेणी में डुबकी लगाने के साथ अखाड़ों में साधु संतों के दर्शन की आस लिये संगम तट पर सो रहे श्रद्धालुओं को मंगलवार देर रात बैरीकेडिंग तोड़ कर आयी भीड़ ने रौंद दिया। इस हादसे में बाल बाल सकुशल बचे श्रद्धालुओं ने मेला क्षेत्र से निकलने के दौरान यह वृतांत सुनाया।
संगम क्षेत्र में इस घटना की प्रत्यक्षदर्शी कोलकाता से आई कृष्णा प्रसाद ने बताया कि संगम तट पर लोग सुबह होने की प्रतीक्षा में लेटे थे। तभी लोगों की भीड़ अखाड़ों के “अमृत स्नान” के लिए बने बैरिकेट को तोड़ते हुए घाट की तरफ बढ़ी और घाट पर लेटे श्रद्धालु भीड़ की चपेट में आ गए।
बरेली से आई पूर्व शिक्षिका सुमन सिंह ने कहा कि भाग्य भाग्य की बात है, ऐसा अवसर सभी को नहीं मिलता। इसीलिए हम गंगा माइया में स्नान करने पहुंची हूं। ऐसी अनहोनी की किसी ने कल्पना तक नहीं किया था , लगत है गंगा मइया को यही मंजूर था। यह बहुत बड़ा दुर्भाग्य है। पता नहीं किसकी गलती की सजा इन लोगों को मिली।
जयपुर के बाडमेर निवसी सज्जन पुरखोलिया ने सेक्टर दो में बने मीडिया शिविर के सामने से जाते समय बातचीत में बताया कि 144 साल बाद यह पुण्य स्नान का अवसर है जिसे कोई भी गंवाना नहीं चाहता।
यही वजह है कि देश दुनिया से लोग संगम के किनारे खुले आसमान के नीचे डेरा डालकर पड़े थे। तभी बैरिकेड तोड़कर आए जनसैलाब के नीचे वे दब गए।
यह हमारा सौभाग्य था कि हम और हमारे साथ आए पांच लोग किसी तरह बच गए। उन्होंने कहा कि घटनास्थल पर फैले जूते चप्पल और लोगों के कपड़े घटना की कहानी बयां कर रहे हैं। घटना में कई महिलाओं समेत अनेक लोग घायल हो गए जिन्हें सुरक्षाकर्मी एंबुलेंस से अस्पताल ले गये हैं।
उन्होंने कहा कि अखाड़ों के नागा सन्यासियों का दर्शन करने की अभिलाषा से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु संगम तट पर डटे रहे। मुझे लगता है कि बहुत भाग्यशाली हैं वे लोग जो गंगा के तट पर आकर मोक्ष को प्राप्त करते हैं। जिला प्रशासन को करोड़ों की भीड़ से हादसा होने की संभावना का अंदेशा पहले ही हो गया था।
यही वजह है कि प्रयागराज के मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत ने छोटे लाउडस्पीकर से मुनादी करते हुए कहा कि सभी श्रद्धालु सुन लें..यहां लेटे रहने से कोई फायदा नहीं है। जो सोवत है, वो खोवत है। उठिए उठिए और स्नान करिए।
आपके सुरक्षित रहने के लिए यह जरूरी है। बहुत लोग आएंगे और भगदड़ मचने की संभावना है। आप पहले आ गए हैं तो आपको सबसे पहले अमृत स्नान कर लेना चाहिए।
सभी श्रद्धालुओं से करबद्ध निवेदन है कि उठें.. उठें.. उठें और स्नान करके वापस जाएं।”
इस बीच मेला क्षेत्र में आने वाले श्रद्धालुओं के उत्साह में कोई कमी नहीं आई है और चारों दिशाओं से श्रद्धालुओं का मेला क्षेत्र में आना जारी है।
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