अहमदाबाद 17 जुलाई ,(एजेंसी)। गुजरात की सत्र अदालत ने सोमवार को तीन दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई। इन तीनों पर जासूसी करने और भारत के सैन्य ठिकानों के बारे में गोपनीय जानकारी पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस को लीक करने का आरोप है। अदालत ने कहा कि तीनों भारत में रहते थे, लेकिन उनका प्रेम और देशभक्ति पाकिस्तान के लिए थी।
अदालत ने तीनों को आईपीसी की धारा 121, 121 (ए) और 120 (बी) और आईटी अधिनियम की धारा 66 (एफ) के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम की धारा 3 के तहत 14 साल का कठोर कारावास और आईपीसी की धारा 123 के तहत 10 साल जेल की सजा सुनाई है। सभी सजाएं एकसाथ चलेंगी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अंबालाल पटेल की अदालत ने मौत की सजा के लिए अभियोजन पक्ष की अपील को खारिज करते हुए कहा कि तीनों द्वारा किया गया अपराध ‘दुर्लभतम श्रेणी में नहीं आता है। अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने सिराजुद्दीन अली फकीर, मोहम्मद अयूब और नौशाद अली को 2012 में अरेस्ट किया था। तब सिराजुद्दीन की उम्र 24, जबकि अयूब और नौशाद की 23-23 साल की थी।
तीनों पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी तक इंडियन आर्मी की सीक्रेट इन्फॉर्मेशन पहुंचाते थे। तीनों आरोपियों में से दो आरोपी अहमदाबाद के जमालपुर और नौशाद अली राजस्थान के जोधपुर का रहने वाला है।
अहमदाबाद शहर की अपराध शाखा ने जमालपुर इलाके के निवासी फकीर और अयूब को 14 अक्तूबर 2012 को अहमदाबाद और गांधीनगर सैन्य छावनी में सैन्य ठिकानों से संबंधित गोपनीय सूचना आईएसआई को देने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
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