नई दिल्ली 31 Oct, (एजेंसी): विपक्षी नेताओं द्वारा सरकार पर अपना फोन टेप करवाने के लगाए जा रहे आरोपों का जवाब देते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि सरकार पर लगाए जा रहे आरोप बिल्कुल बेबुनियाद और गलत है, इन नेताओं को एप्पल से सफाई मांगनी चाहिए कि यह किस तरह का मैसेज है और कंपनी के जवाब से असंतुष्ट होने पर एफआईआर करवाना चाहिए।
भाजपा मुख्यालय में विपक्षी नेताओं द्वारा लगाए जा रहे आरोपों के बारे में मीडिया द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा की इन नेताओं को एफआईआर करने से कौन रोक रहा है? यह क्या मैसेज है और क्यों भेजा गया है, इसके बारे में तो एप्पल कंपनी ही सफाई दे सकती है?
उन्होंने कहा कि शशि थरूर तो स्वयं आईटी से जुड़ी स्टैंडिंग कमेटी के अध्यक्ष रह चुके हैं, वह इस मामले में एप्पल कंपनी से क्लेरिफिकेशन क्यों नहीं मांगते हैं? प्रसाद ने चुनौती देते हुए कहा कि अगर ये नेता एप्पल की सफाई से संतुष्ट नहीं होते हैं तो जाकर एफआईआर करवाएं।
प्रसाद ने इन नेताओं के आरोपों को राहुल गांधी द्वारा लगाए गए आरोपों के समान बताते हुए कटाक्ष किया कि यह इस तरह का मामला लग रहा है जैसे कि राहुल गांधी ने देश भर में हल्ला मचाया कि पेगासस से उनके फोन की जासूसी हो रही है। लेकिन, जब सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अपना फोन जांच कमेटी को जांच के लिए देने को कहा तो उन्होंने नहीं दिया। रविशंकर प्रसाद ने सरकार पर लगाए जा रहे आरोपों को बेबुनियाद और गलत बताते हुए कहा कि एप्पल कंपनी से क्लेरिफिकेशन मांगने और एफआईआर दर्ज करवाने की बजाय यह तमाम लोग सरकार पर आरोप लगा रहे हैं जो बिल्कुल बेबुनियाद और गलत है।
रविशंकर ने इन आरोपों को लेकर मीडिया द्वारा पूछे गए एक और सवाल का जवाब देते हुए कहा कि जहां तक वे अपने अनुभव से कह सकते हैं, कोई भी टेलीफोन कंपनी ऐसा नहीं कहती है (फोन टैपिंग को लेकर इस तरह का मैसेज नहीं भेजती है) और अगर ऐसा कुछ होता है तो सबसे पहले वह खुद सीईआरटी-इन के क्विक रिस्पांस टीम के पास जाकर वहां बताती है कि यह कुछ ऐसा लग रहा है, इसको देखिए लेकिन यहां तो कमाल है कि मैसेज उन्हीं (नेताओं) को मिला और उसके बाद वह प्रेस में भी चले गए। उन्होंने आरोप लगाने वाले नेताओं को फिर से चुनौती देते हुए कहा कि हिम्मत है तो जाकर एफआईआर करें।
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