Kolkata Transgender community worshiping Maa Durga in the form of Ardhanarishvara

कोलकाता 04 Oct. (Rns/FJ): कोलकाता में ट्रांसजेंडर समुदाय के बेघरों के लिए एक आश्रय स्थल ‘गरिमा गृहो’ (गौरव का घर) इस साल अपने वार्षिक दुर्गा पूजा कार्यक्रम के पांचवें संस्करण का जश्न मना रहा है। पूजा दो तरह से अनूठी है – यहां देवी दुर्गा की पूजा ‘अर्धनारीश्वर’ के रूप में की जाती है, जो आयोजकों के अनुसार देवी दुर्गा और भगवान शिव की शक्तियों का संयोजन है। इस पूजा का दूसरा अनूठा बिंदु यह है कि मूर्ति को विसर्जित नहीं किया जाता है, बल्कि पूरे वर्ष गरिमा गृह के एक कोने में रखा जाता है, जिसे वार्षिक शुभ अवसर के दौरान सजाया जाता है और पूजा की जाती है।

इस आयोजन की प्रमुख आयोजक और पश्चिम बंगाल ट्रांसजेंडर डेवलपमेंट बोर्ड की पूर्व सदस्य रंजीता सिन्हा ने बताया कि वे विसर्जन के लिए क्यों नहीं जाना पसंद करते हैं। उन्होंने कहा, विसर्जन की अवधारणा में देवी दुर्गा और उनके परिवार से पूरे एक साल के लिए अलग होने का दर्द शामिल है। हम काफी हद तक समाज से अलग-थलग हैं। इसलिए, हम विसर्जन के माध्यम से अतिरिक्त दर्द सहन नहीं करना चाहते।

उन्होंने कहा कि इस साल की दुर्गा पूजा उनके लिए बहुत खास है क्योंकि इस समुदाय के दो लोग इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए कोलकाता पहुंचे हैं।

सिन्हा ने कहा, समुदाय के लोगों के अलावा, बच्चों के साथ-साथ एसिड हमलों के शिकार भी चार दिनों के उत्सव का जश्न मनाने के लिए हमारे साथ शामिल हुए हैं। इस साल हमारे लिए पूजा सभी सामाजिक बाधाओं और अस्पृश्यता को तोड़ने वाली घटना थी।

आयोजन के एक अन्य सहयोगी देबांग्शी विश्वास ने कहा कि इस आयोजन की अच्छी बात यह है कि यह पितृसत्ता की परंपराओं से ऊपर है, जहां पुजारी को ब्राह्मण पुरुष होना चाहिए।

एक अन्य सहयोगी ट्रेसी शिवांगी सरदार ने कहा कि यह पूजा समुदाय के लोगों का अपना एक वार्षिक कार्यक्रम है। उन्होंने कहा, पिछले वर्षों में, हम पंडाल घूमने जाते थे, लेकिन हमें मौज-मस्ती करने वालों की टिप्पणियों का सामना करना पड़ता था। यह हमारी अपनी पूजा है, लेकिन भागीदारी केवल समुदाय के लोगों तक ही सीमित नहीं है। कोई भी यहां पूजा में शामिल होने के लिए स्वतंत्र है।

**************************************

इसे भी पढ़ें : आबादी पर राजनीति मत कीजिए

इसे भी पढ़ें : भारत में ‘पुलिस राज’ कब खत्म होगा?

इसे भी पढ़ें : प्लास्टिक मुक्त भारत कैसे हो

इसे भी पढ़ें : इलायची की चाय पीने से मिलते हैं ये स्वास्थ्य लाभ

तपती धरती का जिम्मेदार कौन?

मिलावटखोरों को सजा-ए-मौत ही इसका इसका सही जवाब

जल शक्ति अभियान ने प्रत्येक को जल संरक्षण से जोड़ दिया है

इसे भी पढ़ें : भारत और उसके पड़ौसी देश

इसे भी पढ़ें : चुनावी मुद्दा नहीं बनता नदियों का जीना-मरना

इसे भी पढ़ें : *मैरिटल रेप या वैवाहिक दुष्कर्म के सवाल पर अदालत में..

इसे भी पढ़ें : अनोखी आकृतियों से गहराया ब्रह्मांड का रहस्य

इसे भी पढ़ें : आर्द्रभूमि का संरक्षण, गंगा का कायाकल्प

इसे भी पढ़ें : गुणवत्ता की मुफ्त शिक्षा का वादा करें दल

इसे भी पढ़ें : अदालत का सुझाव स्थाई व्यवस्था बने

इसे भी पढ़ें : भारत की जवाबी परमाणु नीति के

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *