शीतकाल के लिए बंद हुए केदारनाथ धाम के कपाट

रुद्रप्रयाग,15 नवंबर (एजेंसी)।  विश्व प्रसिद्ध भगवान केदारनाथ मंदिर के कपाट भैया दूज के पवित्र मौके पर शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। ब्रह्म मुहूर्त में समाधि पूजा के बाद गर्भ गृह बंद किया गया जबकि सुबह साढ़े 8 बजे मंदिर का मुख्य द्वार बंद कर दिया गया। सेना के बैंडों की मधुर धुनों और बम बम भोले, जय केदार के जयघोषों के बीच डोली को केदारनाथ मंदिर से ऊखीमठ ओंकारेश्वर मंदिर के लिए प्रस्थान कराया गया। कपाट बंद होने पर करीब ढाई हजार भक्त मौजूद थे।

कड़ाके की सर्दी के बीच बुधवार भैया दूज के मौके पर कार्तिक मास शुक्ल पक्ष द्वितीया, वृश्चिक राशि, ज्येष्ठा नक्षत्र में विश्व प्रसिद्ध भगवान केदारनाथ के कपाट बंद किए गए। सुबह मंदिर में नित्य पूजा अर्चना और दर्शन के बाद कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू की गई। स्वयंभू शिवलिंग से श्रृंगार अलग कर केदारनाथ रावल भीमाशंकर लिंग की मौजूदगी में मुख्य पुजारी शिवलिंग द्वारा स्थानीय शुष्क पुष्पों, ब्रह्म कमल, कुमजा, राख से स्वयंभू लिंग को समाधि रूप दिया गया। सुबह 6 बजे मंदिर में समाधि पूजा संपन्न की गई। जबकि सभामंडप में स्थित छोटे मंदिरों को भी बंद किया गया। इसके बाद ठीक साढ़े 8 बजे केदारनाथ मंदिर के दक्षिण द्वार को बंद कर दिया गया। परम्परा के निर्वहन के दौरान बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय के साथ ही जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन के अधिकारीगण, मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह, तीर्थपुरोहित समाज के पदाधिकारी भी मौजूद थे।

मंदिर को विशेष रूप से फूलों से सजाया: कपाट बंद होने को लेकर बीकेटीसी द्वारा मंदिर को विशेष रूप से फूलों से सजाया गया। सेना के बैंडों की भक्तिमय धुनों और ऊं नम: शिवाय एवं जय बाबा केदार के जयघोषों से सम्पूर्ण केदारपुरी गुंजायमान हो गई। यात्रा के पहले दिन भगवान केदार की डोली देर सांय रामपुर पहुंच गई। जबकि 16 नवम्बर को गुप्तकाशी और 17 नवम्बर को ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ पहुंचेगी। जहां भगवान की डोली गर्भ गृह में विराजमान होगी और यहां छह महीने शीतकाल में बाबा केदार की पूजा अर्चना की जाएगी। कपाट बंद होने पर भारतीय सेना, आईटीबीपी तथा दानीदाताओं ने तीर्थयात्रियों के लिए भंडारा भी आयोजित किया।

ये लोग रहे मौजूद:  इस मौके पर बदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व शर्मा की धर्मपत्नी मीडिया दिग्गज रिनिकी भुयान शर्मा, मंदिर समिति सदस्य श्रीनिवास पोस्ती, बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह, तहसीलदार दीवान सिंह राणा कार्याधिकारी आरसी तिवारी, केदार सभा अध्यक्ष राजकुमार तिवारी, थाना प्रभारी मंजुल रावत, प्रदीप सेमवाल, अरविंद शुक्ला, देवानंद गैरोला, उम्मेद नेगी, कुलदीप धर्म्वाण, ललित त्रिवेदी, बीकेटीसी के मीडिया प्रभारी डॉ हरीश गौड़ सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, तीर्थपुरोहित एवं भक्त मौजूद थे।

पीएम और सीएम के मार्गदर्शन में यात्रा का हुआ सफल समापन:  बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कपाट बंद होने के मौके पर कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा तथा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन में इस साल केदारनाथ यात्रा का सफलतापूर्वक समापन हो गया है। इस यात्रावर्ष में साढ़े उन्नीस लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने भगवान केदारनाथ के दर्शन किए हैं। उन्होंने सभी को बधाई देते हुए आगामी वर्षो में और भी बेहतर तैयारी करने का आह्वान किया। बीकेटीसी के मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह ने बताया कि केदारनाथ धाम में 25 अप्रैल को कपाट खुलने की तिथि से 14 नवंबर रात्रि तक 1957850 (उन्नीस लाख सत्तावन हजार आठ सौ पचास) तीर्थयात्रियों ने दर्शन किए हैं।

सांभर आए खूब वीवीआईपी और वीआईपी:    इस साल केदारनाथ में बड़ी संख्या में वीवीआईपी और वीआईपी दर्शनों को पहुंचे। यात्रा शुरूआत से लेकर अंत तक अतिथियों का आवागमन जारी रहा। राजनेता से क्रिकेटर, उद्योगपति और फिल्ली हस्तियां केदारनाथ पहुंची। इनमें कांग्रेस पार्टी पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे सहित कई नाम शामिल हैं। इस साल केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के अंत तक कई बड़ी हस्तियां दर्शनों को पहुंची। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, देश के उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, प्रसिद्ध उद्योगपति मुकेश अम्बानी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, फिल्म अभिनेता रजनीकांत, अभिनेत्री सारा अली खान, जैकलीन फर्नांडिस, एयरफोर्स चीफ वीआर चौधरी, क्रिकेटर ऋषभ पंत, सुरेश रैना, केदार जादव, बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र शास्त्री, कवि कुमार विश्वास, रवीना टंडन, बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र शास्त्री सहित उच्चतम न्यायालय के न्याधीश, सेना, वायु सेना और आईटीबीपी के कमांडिग आफीसर शामिल हैं।

******************************

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version