बेंगलुरु 27 Sep. (Rns/FJ): सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान कथित तौर पर हुए शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच कर रहे आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) ने जांच तेज कर दी है। यह विपक्षी दल के लिए झटका साबित हो रहा है। सूत्रों ने कहा कि हाल में कई गिरफ्तारियां हुई हैं, मामला और आगे बढ़ सकता है। एजेंसी ने सोमवार को पांच महत्वपूर्ण गिरफ्तारियां कीं और अदालत ने आगे की जांच के लिए उनकी हिरासत 1 अक्टूबर तक सीआईडी को दे दी। आरोपी व्यक्तियों से घोटाले के बारे में बड़े खुलासे की उम्मीद की जा रही है।
सिद्धारमैया और अन्य कांग्रेस नेता 40 प्रतिशत कमीशन शुल्क को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा पर हमला कर रहे हैं। उन्होंने राज्य में पेसीएम पोस्टर अभियान भी शुरू किया है। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस के अभियान के जवाब में शिक्षक भर्ती घोटाले में बड़ी गिरफ्तारियां होने की संभावना है।
वरिष्ठ अधिकारियों और राजनेताओं द्वारा समर्थित अधिकारियों ने ऐसे उम्मीदवारों का चयन किया था, जिन्होंने पदों के लिए आवेदन भी नहीं किया था। अधिकारियों ने पहली सूची से बचते हुए दूसरी सूची में उनके चयन की घोषणा की थी। सूत्रों का कहना है कि इस तरह से 12 ऐसे उम्मीदवारों का चयन किया गया था।
सीआईडी इस सिलसिले में समग्र शिक्षण अभियान की निदेशक गीता मेडगौड़ा, पाठ्यपुस्तक विभाग के निदेशक और सेवानिवृत्त संयुक्त निदेशक जी.आर. बसवराजू, के. रत्नैया और डी.के. शिवकुमार को गिरफ्तार कर चुका है। उधर, सब-इंस्पेक्टर भर्ती घोटाले में अतिरिक्त डीजीपी की गिरफ्तारी से सत्तारूढ़ भाजपा को शर्मिदा होना पड़ा है। कांग्रेस ने गृहमंत्री अरागा ज्ञानेंद्र के इस्तीफे की मांग की है। सूत्रों ने कहा कि इसके जवाब में शिक्षक भर्ती घोटाले से जुड़े कांग्रेस समर्थित कुछ और शीर्ष नौकरशाहों और नेताओं की गिरफ्तारी होगी। सीआईडी ने दो अलग-अलग शिकायतों के आधार पर अब तक 19 लोगों को हिरासत में लिया है। भर्तियां 2014-15 में की गई थीं।
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