Justice Surya Kant may be the next CJI of the country, Chief Justice Gavai recommended

नई दिल्ली 27 Oct, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) : भारत के मुख्य न्यायाधीश भूषण रामकृष्ण गवई के सेवानिवृत्त होने के बाद देश को नया सीजेआई मिलने जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, मुख्य न्यायाधीश गवई ने अपने उत्तराधिकारी के रूप में न्यायमूर्ति सूर्यकांत का नाम आगे बढ़ाया है। सीजेआई गवई 23 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं। उन्होंने यह पद न्यायमूर्ति संजीव खन्ना के सेवानिवृत्त होने के बाद संभाला था।

जानकारी के मुताबिक, सीजेआई गवई ने केंद्र सरकार को न्यायमूर्ति सूर्यकांत के नाम की सिफारिश भेज दी है। वरिष्ठता के आधार पर न्यायमूर्ति सूर्यकांत देश के 53वें मुख्य न्यायाधीश बनेंगे। सरकार जल्द ही उनके नियुक्ति संबंधी अधिसूचना जारी कर सकती है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत लगभग 14 महीने तक इस पद पर रहेंगे और 9 फरवरी 2027 को सेवानिवृत्त होंगे।

सीजेआई गवई जल्द ही सिफारिश पत्र की एक प्रति न्यायमूर्ति सूर्यकांत को भी सौंप देंगे। दरअसल, केंद्र सरकार ने गवई से अपने उत्तराधिकारी का नाम तय करने को कहा था। एक साक्षात्कार में सीजेआई गवई ने कहा था कि न्यायमूर्ति सूर्यकांत इस पद के लिए हर दृष्टि से उपयुक्त हैं।

10 फरवरी 1962 को जन्मे न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने 1981 में हरियाणा के हिसार स्थित सरकारी स्नातकोत्तर महाविद्यालय से स्नातक की डिग्री और 1984 में महार्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक से एलएलबी की डिग्री प्राप्त की। उन्होंने 1984 में हिसार जिला न्यायालय से अधिवक्ता के रूप में अपने करियर की शुरुआत की और एक वर्ष बाद पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय, चंडीगढ़ में वकालत शुरू की।

वर्ष 2000 में वे हरियाणा के महाधिवक्ता नियुक्त हुए और 2001 में सीनियर एडवोकेट नामित किए गए। उसी वर्ष वे पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश बने। वर्ष 2018 में उन्हें हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया और 2019 में वे उच्चतम न्यायालय में पदोन्नत हुए।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने अपने न्यायिक कार्यकाल के दौरान कई अहम फैसलों में योगदान दिया है, जिनमें अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण को संवैधानिक ठहराने वाले संविधान पीठ के निर्णय में उनकी भूमिका प्रमुख रही। उन्होंने संविधान, मानवाधिकार और लोकहित से जुड़े एक हजार से अधिक मामलों में महत्वपूर्ण निर्णय दिए हैं।

*******************************