It is not right to keep someone captive for so long without trial Supreme Court

नई दिल्ली 28 Aug. (Rns/FJ): सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में सुनवाई करते हुए चार साल से बंदी दो लोगों को जमानत देते हुए कहा कि, बिना किसी ट्रायल के किसी को इतने वक्त तक बंदी बनाकर रखना ठीक नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने एक क्रिमिनल केस में पश्चिम बंगाल के दो लोगों को जमानत दी है। इन दोनों को पिछले चार साल से बिना ट्रायल के बंदी बनाकर रखा हुआ था। जस्टिस संजय किशन कौल की बेंच ने कहा ने यह सुनवाई करते हुए टिप्पणी की है।

बेंच ने कहा, ‘हम इस स्थिति को बढ़ावा नहीं दे सकते, जहां किसी आरोपी को बंदी बनाकर इतने लंबे वक्त तक बिना ठीक से ट्रायल शुरू हुए नहीं रख सकते।’ सुनवाई के दौरान बेंच में जस्टिस पीएस नरसिम्हा भी शामिल रहे।

बेंच ने कहा, ‘चार साल से चल रहे इस केस में अभी तक पहले गवाह का एग्जामिन भी नहीं हुआ है। ट्रायल कोर्ट के अनुसार याचिकाकर्ता को कुछ टर्म कंडीशंस के साथ जमानत दी जाती है।’

मिली जानकारी के अनुसार यह 2018 का मामला है जिसमें 414 किलो गांजा कथित रूप से जब्त किया गया था। हालांकि इस केस में चालान पेश किया गया था और आरोप भी तय किए गए थे। लेकिन यह केस आगे नहीं बढ़ाया गया।

हालांकि कोर्ट ने कहा, अगर अपीलकर्ता ट्रायल में देरी करने की मांग करते हैं तो, ‘हम ट्रायल कोर्ट को वापस बंदी बनाने की इजाजत देते हैं।’ कोर्ट ने कहा कि अपीलकर्ताओं को ट्रायल कोर्ट की ओर से निर्धारित की गई सभी डेट्स पर उपस्थिति दर्ज कराना जरूरी है। साथ ही कोर्ट ने अपीलकर्ताओं को यह आदेश दिया कि उनके वकील किसी भी पुख्ता कारण के स्थगन की मांग नहीं कर सकते।

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