सूर्य का किया जाएगा अध्ययन
नईदिल्ली,05 दिसंबर (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने गुरुवार को यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) के प्रोबा-3 मिशन लॉन्च कर दिया है।
आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से इस विशेष अंतरिक्ष मिशन को इसरो के पोलर सैटलाइट लॉन्च व्हीकल (पीएसएलवी) की मदद से शाम 04:04 बजे लॉन्च किया गया है।
प्रोबा-3 मिशन का उद्देश्य सूर्य के कोरोना का अध्ययन करना है। इस मिशन को बीते दिन ही लॉन्च किया जाना था, लेकिन तकनीकी समस्या आने के कारण इसे एक दिन टाल दिया गया।
प्रोबा-3 मिशन में कोरोनाग्राफ और ऑकुल्टर नामक 2 सैटेलाइट्स शामिल हैं। इनमें से एक सैटेलाइट सूर्य के कोरोना का अध्ययन करेगा, जबकि दूसरा सैटेलाइट कोरोनाग्राफ की सहायता से सूर्य के बाहरी वातावरण का स्पष्ट रूप से अध्ययन करने में मदद करेगा।
इन दोनों सैटेलाइट्स के बीच केवल 150 मीटर की दूरी होगी, जो इस मिशन की विशेषता है। यह सटीक उड़ान तकनीक को प्रदर्शित करेगा, जो भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों के लिए महत्वपूर्ण है।
प्रोबा-3 मिशन का मुख्य उद्देश्य सूर्य के कोरोना और उसके साथ जुड़ी गतिविधियों के बारे में गहरी जानकारी प्राप्त करना है।सूर्य के कोरोना की उच्चतम गर्मी और सौर गतिविधियों के कारण होने वाली घटनाएं पृथ्वी के अंतरिक्ष मौसम को प्रभावित कर सकती हैं।
इस मिशन से इन घटनाओं की भविष्यवाणी करना और उनकी स्थिति पर विचार करना संभव हो सकेगा। इससे भविष्य में अंतरिक्ष में होने वाली खतरनाक घटनाओं से निपटने में मदद मिलेगी।
इस मिशन के दौरान इस्तेमाल की जाने वाली तकनीकों में से एक है सटीक उड़ान नियंत्रण प्रणाली, जो 2 सैटेलाइट्स के बीच अत्यधिक छोटे अंतर को बनाए रखने में मदद करेगी।
यह इसरो की प्रगति को दर्शाता है, जो अंतरिक्ष विज्ञान और अंतरिक्ष खोज के क्षेत्र में न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में नेतृत्व कर रहा है। प्रोबा-3 मिशन का सफलतापूर्वक संचालन अंतरिक्ष के अध्ययन में नए अवसर खोलेगा।
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