Interrogating a man for 15 hours was termed as inhumane treatment

सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामलों की जांच एजेंसी ED को लगाई फटकार

नई दिल्ली 03 Jan, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी): सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामलों की जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) को पूछताछ के तरीकों को लेकर कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने एक मामले में आधी रात के बाद तक लगभग 15 घंटे तक पूछताछ को ‘अहंकारी’ और ‘अमानवीय’ करार दिया है।

जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि इस तरह की पूछताछ से स्पष्ट है कि एजेंसी व्यक्ति को बयान देने के लिए मजबूर कर रही थी, जो कि बेहद चौंकाने वाला है।

यह मामला हरियाणा के पूर्व कांग्रेस विधायक सुरेंद्र पंवार की गिरफ्तारी से जुड़ा है, जिन्हें ED ने अवैध खनन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था। ED ने पंवार से लगभग 15 घंटे तक पूछताछ करने के बाद उन्हें रात 1.40 बजे गिरफ्तार किया था। हालांकि, पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने बाद में उनकी गिरफ्तारी को रद्द कर दिया था, जिसके खिलाफ ED ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।

सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए ED की अपील खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि यह मामला आतंकवादी गतिविधि का नहीं, बल्कि अवैध रेत खनन का था, और इस तरह के मामले में लोगों के साथ इस तरह का व्यवहार नहीं किया जा सकता।

सुनवाई के दौरान ED के वकील जोहेब हुसैन ने सफाई देते हुए कहा कि हाईकोर्ट ने अपने आदेश में गलत तरीके से यह दर्ज किया है कि पंवार से 14 घंटे 40 मिनट तक लगातार पूछताछ की गई। उन्होंने कहा कि पूछताछ के दौरान पंवार को डिनर ब्रेक दिया गया था। हालांकि, कोर्ट ने ED की इस दलील को खारिज करते हुए पूछा कि एजेंसी बिना ब्रेक के इतने लंबे समय तक पूछताछ करके किसी व्यक्ति को कैसे प्रताड़ित कर सकती है।

हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि पंवार सुबह 11 बजे ED कार्यालय पहुंचे थे और उनसे रात 1.40 बजे तक लगातार पूछताछ की गई, जो कि अमानवीय है। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस बात पर सहमति जताई कि इस तरह की पूछताछ व्यक्ति को बयान देने के लिए मजबूर करने के समान है।

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