India is ready to take flight of progress… German CEOs tied bridges to praise India

नई दिल्ली 26 Feb, (एजेंसी): कई जर्मन कंपनियों के सीईओ ने ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक की। बैठक के बाद जर्मनी की कंपनियों के सीईओ भारत के विकास की कहानी के मुरीद हो गए। इस बैठक में जर्मन कंपनियों के लिए भारत में शिक्षा और व्यापार के अवसरों को बढ़ाने के बारे में चर्चा की गई। इस बैठक के बाद टीयूवी नॉर्ड के प्रबंधन बोर्ड के अध्यक्ष डर्क स्टेनकैंप ने कहा कि भारत बढ़े हुए आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने वाले देशों में सबसे आगे है। इंडिया आज उस मुकाम पर है, जहां से वह आर्थिक विकास की एक नई उड़ान भर सकता है।

स्टेनकैंप ने कहा कि ‘मैं शुरू से ही मेक इन इंडिया पहल के बारे में जानता हूं और हम भारत आने और भारत में उत्पादन शुरू करने के लिए कई जर्मन कंपनियों का समर्थन कर रहे हैं। भारत ने मेक इन इंडिया का हिस्सा बनने के लिए जर्मन मित्तलस्टैंड में एक पहल चल रही है। इसके साथ ही कई छोटे और मध्यम आकार के जर्मन उद्यमों में भारत आने और मेक-इन-इंडिया का हिस्सा बनने के लिए भी एक पहल चल रही है।’ उन्होंने कहा कि भारत में ग्रोथ और बिजनेस के विस्तार की अपार संभावनाएं हैं। स्टेनकैंप के अलावा तीन और कंपनियों के प्रतिनिधिमंडल ने पीएम मोदी के साथ बैठक में हिस्सा लिया।

उनमें से एक रेथमैन कंपनी के सीईओ क्लेमेंस रेथमैन ने कहा कि भारत में कौशल और प्रतिभा है। इन संसाधनों का उपयोग करना सौभाग्य है और भारत उत्पादन की दुनिया में बड़ा हो जाएगा। रेथमैन ने कहा कि यहां आपको कार्यबल मिलता है। जबकि जर्मनी में कार्यबल की कमी है। आपके पास इतने सारे बुद्धिमान युवा हैं, जो कुछ करना चाहते हैं। जबकि रेंक (Renk) की सीईओ सुजैन वीगैंड ने कहा कि वे भारत सरकार के एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में यहां आकर गर्व महसूस कर रही हैं। उनकी कंपनी भारतीय सेना और नौसेना को ड्राइव सॉल्यूशंस की सप्लाई कर रही है। उन्होंने कहा कि भारत का तेजी से बढ़ता सीमेंट बाजार भी एक बिजनेस संभावना है।

सॉफ्टवेयर कंपनी SAP के सीईओ क्रिश्चियन क्लेन भी पीएम मोदी के साथ हुई बैठक में शामिल थे। बैठक के बाद उन्होंने कहा कि भारत की स्थिरता के लिए उच्च आकांक्षाएं हैं। भारत सप्लाई चेन में कार्बन के उपयोग को कम करने और ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन करने के लिए टेक्नोलॉजी का उपयोग करना चाहता है। ये सब आधुनिक टेक्नोलॉजी के साथ-साथ चलता है। उन्होंने कहा कि वह भारत का भागीदार बनकर खुश हैं। ये सभी सीईओ जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज के साथ भारत आने वाले प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं। गौरतलब है कि ओलाफ स्कोल्ज 25-26 फरवरी तक भारत की दो दिवसीय यात्रा पर हैं।

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