नई दिल्ली ,19 दिसंबर (एजेंसी)। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, यह पहली बार है जब देश में 151 संसद सदस्यों को निलंबित किया गया है। यह गलत है,हम इसके खिलाफ लड़ेंगे… हम इसके खिलाफ लडऩे के लिए एकजुट हुए हैं। हमने 22 दिसंबर को सांसदों के निलंबन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है ।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, लोकतंत्र को बचाने के लिए हम सभी को लडऩा होगा और हम सभी इसके लिए तैयार हैं। हमने संसद में सुरक्षा उल्लंघन का मुद्दा उठाया। हम पहले से कह रहे हैं कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह या पीएम मोदी को संसद में आना चाहिए और संसद सुरक्षा चूक के मुद्दे पर लोकसभा और राज्यसभा में बोलना चाहिए, लेकिन वे ऐसा करने से इनकार कर रहे हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े ने मंगलवार को शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए 141 विपक्षी सांसदों के निलंबन पर सरकार की आलोचना की।
उन्होंने कहा कि भाजपा की रणनीति से इस आरोप को बल मिलता है कि निरंकुश भाजपा इस देश में लोकतंत्र को ध्वस्त करना चाहती है और उन्होंने लोकतंत्र को नष्ट करने के लिए निलंबित करो, बाहर फेंको और बुलडोजर चलाओ की रणनीति अपनाई है।
खडग़े ने एक्स पर लिखा, संसद से कुल 141 विपक्षी सांसदों का निलंबन हमारे इस आरोप को मजबूत करता है कि निरंकुश भाजपा इस देश में लोकतंत्र को ध्वस्त करना चाहती है। हम सभी जानते हैं कि आपराधिक कानून संशोधन जैसे प्रमुख विधेयक, जो कठोर शक्तियों को उजागर करते हैं और नागरिकों के अधिकारों में बाधा डालते हैं, सूचीबद्ध हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार नहीं चाहती कि भारत के लोग विपक्ष की बात सुनें, जबकि इन विधेयकों पर बहस और विचार-विमर्श किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, इसलिए, उन्होंने लोकतंत्र को नष्ट करने के लिए निलंबित करो, बाहर फेंको और बुलडोजर की रणनीति अपनाई है! गंभीर सुरक्षा उल्लंघन पर केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा संसद में बयान देने और उस पर विस्तृत चर्चा के बारे में हमारी सरल मांगें अपरिवर्तित रहेंगी।
उनकी टिप्पणी मंगलवार को 49 लोकसभा सांसदों को निलंबित किए जाने के बाद आई है, जबकि तीन आपराधिक विधेयक चर्चा के लिए सूचीबद्ध हैं।
सोमवार को 33 लोकसभा सांसदों और 45 राज्यसभा सांसदों को निलंबित कर दिया गया।
14 दिसंबर को 13 लोकसभा सांसदों और एक राज्यसभा सांसद को निलंबित कर दिया गया था।
गृहमंत्री अमित शाह द्वारा संसद सुरक्षा उल्लंघन पर विस्तृत चर्चा की मांग करने वाले कुल 141 सांसदों को निलंबित कर दिया गया है।
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