कानपुर 29 Sep. (Rns/FJ): कानपुर में एक्यूट नेक्रोटाइजि़ंग इंसेफेलाइटिस (एएनई) का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों ने इस बीमारी को अनुबंधित किया और 30 से अधिक मेडिकल छात्र उच्च श्रेणी के बुखार से पीड़ित हैं, इनमें से सात में एएनई की पुष्टि हुई है।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, पहला मामला इस सप्ताह की शुरुआत में सामने आया था जब बाराबंकी के तीसरे वर्ष के छात्र को तेज बुखार और तेज सिरदर्द के साथ एलएलआर अस्पताल के आईसीयू में लाया गया था।

मंगलवार को उसके एएनई से संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी।

मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों ने कहा, “मरीज बाद में कोमा में चला गया और उसे लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया है। वहीं मंगलवार और बुधवार को 69 छात्रों के रक्त के नमूने लिए गए और उन्हें जांच के लिए लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी भेजा गया है।”

एएनई और बुखार के प्रकोप ने चार दिनों के भीतर 20 से अधिक सूअरों के मृत पाए जाने के बाद मेडिकल कॉलेज परिसर को अपनी चपेट में ले लिया।

एक वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा, “हमने स्पेशल मेटरनिटी वार्ड में एएनई के साथ पांच मेडिकोज को भर्ती कराया है और उनमें से दो वेंटिलेटर पर हैं।”

वाइस प्रिंसिपल डॉ ऋचा गिरी ने कहा, “एक छात्र को तेज बुखार और तेज सिरदर्द के साथ एलएलआर अस्पताल में भर्ती कराया गया।”

वह बेहोश हो गई थी और इस समय बेहोशी की हालत में थी। चिकित्सा परीक्षणों ने सुझाव दिया कि वह एएनई से संक्रमित थी जो उसके मस्तिष्क में फैल गया था। उसके माता-पिता को सूचित कर दिया गया है।

इसके बाद बुधवार को डॉक्टरों ने बॉयज और गर्ल्स हॉस्टल में छात्रों की जांच की और छह और एएनई लक्षणों के साथ पाए गए।

तीन छात्र तृतीय वर्ष के, दो पैरा-2 के और एक अंतिम वर्ष के थे।

गिरी ने कहा, “उनमें से पांच को स्पेशल मेटरनिटी वार्ड और एक को आईसीयू में ले जाया गया।”

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