21.04.2025 – ‘जुर्माना’, ‘सूरज’, ‘कहानी किस्मत की’, ‘आज का रावण’ जैसी सफल फिल्मों के निर्माता सुरेंद्र श्रीवास्तव इन दिनों अपनी पुस्तक ‘संगम से सागर तक’, ‘साउंड कैमरा एक्शन’ और ‘आउट डोर शूटिंग : खट्टे मीठे अनुभव’ को ले कर काफी चर्चा में हैं। भारत सरकार द्वारा प्रगति मैदान दिल्ली में आयोजित विश्व पुस्तक मेला (2025) में उनकी उपरोक्त सभी पुस्तकों को अच्छा रेस्पॉन्स मिला।
सुरेंद्र श्रीवास्तव ने अपनी पुस्तक ‘संगम से सागर तक’ में अपनी जीवन यात्रा को चित्रित करते हुए संदेश देने का प्रयास किया है कि सेवा, समर्पण और सदभाव सफलता के मूल मंत्र हैं। साथ ही साथ लगन में सच्चाई हो तो सफलता सदैव कदम चूमती है।
प्रयागराज (इलाहाबाद) से मुंबई तक के अपने सफर को बड़े ही हृदयस्पर्शी भाव के साथ कागज पे उतारा है सुरेंद्र श्रीवास्तव ने। ‘साउंड कैमरा एक्शन’ में सुरेंद्र श्रीवास्तव ने बतौर फिल्म प्रचारक और फिल्म प्रबंधन का कार्य करते हुए जो देखा सुना और समझा व अनुभव हासिल किया उसे फिल्म विधा में रुचि रखने वालों के लिए बड़े ही सरल शब्दों में चित्रित किया है।
यह पुस्तक फिल्मप्रेमियों को फिल्म निर्माण से संबंधित प्रत्येक विभाग की छोटी से बड़ी बातों को जानने और समझने का अवसर प्रदान करेगा, दूसरे शब्दों में उनकी पुस्तक ‘साउंड कैमरा एक्शन’ को फिल्म निर्माण कला का संपूर्ण गाइड कहा जा सकता है।
तीसरी पुस्तक ‘आउट डोर शूटिंग : खट्टे मीठे अनुभव’ में सुरेंद्र श्रीवास्तव ने दबे स्वर में बॉलीवुड के काला सच को भी महसूस करने का अवसर पाठकों को प्रदान किया है। फिल्म निर्माण के क्षेत्र में क्रियाशील अथवा फिल्म निर्माण में रुचि रखने वाले के लिए ये पुस्तक काफी उपयोगी साबित होगी।
विदित हो कि 9 वर्षों तक एसोसिएशन ऑफ सिने एंड टीवी /एड प्रोडक्शन एग्जिक्यूटिव्स के अध्यक्ष रह चुके सुरेंद्र श्रीवास्तव फिलवक़्त भी एसोसिएशन के प्रशासनिक प्रबंधन से जुड़े हैं।
प्रस्तुति : काली दास पाण्डेय
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