नई दिल्ली 08 Feb, (एजेंसी) – प्यार और मोहब्बत के बाद लिव इन में रहने वाले ध्यान दें क्योंकि अब लड़की लिव इन में ब्रेकअप के बाद मेंटेनेंस मांग सकती है। यह अहम प्रावधान उस समान नागरिक संहिता (यूसीसी) में किया गया है जोकि कल उत्तराखंड विधानसभा में पारित हुआ। अगर कपल में से कोई एक शादीशुदा हो या दोनों में से कोई एक नाबालिग हो और वे लिव इन रजिस्ट्रेशन करवाना चाहते हैं तो ऐसा नहीं होगा। इस संहिता में पार्टीज टू मैरेज यानी किन-किन के मध्य विवाह हो सकता है, इसे स्पष्ट रूप से बताया गया है। विवाह एक पुरुष और एक महिला के बीच ही संपन्न हो सकता है। इस संहिता में पति अथवा पत्नी के जीवित होने की स्थिति में दूसरे विवाह को पूर्णतः प्रतिबंधित कर दिया गया है।
यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर तमाम संगठनों की तरफ से अपनी राय दी जा रही है। मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी ने उत्तराखंड विधानसभा में समान नागरिक संहिता बिल पेश किए जाने पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि शरीयत के खिलाफ कोई भी कानून मानने के लिए मुसलमान मजबूर नही, इस तरह एकतरफा कानून बनाकर लागू करना संविधान विरुद्ध है, लिव इन रिलेशनशिप को मान्यता देना या उस पर कानून बना देना ही भारतीय संस्कृति के विरुद्ध है।
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