If charitable work is not being done in Waqf, then there is a need for reform Arif Mohammad Khan

बक्सर 05 April, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)  । वक्फ संशोधन विधेयक संसद के दोनों सदनों से पास हो चुका है, लेकिन इसे लेकर शुरू हुई बयानबाजियों का दौर अब तक नहीं थमा है। सत्ता पक्ष इस विधेयक को जहां गरीब मुसलमानों के हित के लिए जरूरी बता रहा है, वहीं विपक्ष इसे मुसलमानों के खिलाफ बता रहा है।

इसे लेकर विपक्ष लगातार सत्ता पक्ष पर हमलावर है। इस बीच, बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी। राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि मैं राजनीति की बात नहीं कर रहा हूं, लेकिन अगर धर्मार्थ कार्य नहीं हो रहे हैं तो सुधार की आवश्यकता है।

उन्होंने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा, “मैं जानता हूं कि वक्फ है तो उसका मतलब है धर्मार्थ का कार्य होना चाहिए। अगर धर्मार्थ का काम नहीं हो रहा है और केवल मुकदमेबाजियां हो रही हैं, तो वहां सुधार की जरूरत है।”

इससे पहले भी राज्यपाल ने वक्फ संशोधन विधेयक पर मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए कहा था कि पटना में भी कई वक्फ प्रॉपर्टी हैं, लेकिन इसके जरिए कितने अस्पताल और स्कूल या अनाथालय बनवाए गए, जरा नाम बता दीजिए? उन्होंने कुरान की आयतों का जिक्र करते हुए वक्फ का मतलब समझाया।

उन्होंने कहा कि वक्फ प्रॉपर्टी का इस्तेमाल केवल मुस्लिमों के कल्याण के लिए नहीं है। यह हर उस शख्स के लिए है जो गरीब है, निर्धन है, जिसे सहारे की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जब मैं यूपी में मंत्री था, तो मैंने कुछ समय के लिए वक्फ विभाग संभाला था। हर समय मुझे ऐसे लोगों से मिलना पड़ता था, जिनके संपत्ति के मामले चल रहे थे।

वक्फ संशोधन विधेयक संसद के दोनों सदनों से पास हो चुका है। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह कानून बन जाएगा।

उल्लेखनीय है कि वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 पर राज्यसभा में गुरुवार को चर्चा शुरू हुई और लगातार चली बैठक के बाद शुक्रवार तड़के यह विधेयक पारित हो गया। इसके पक्ष में 128 और विरोध में 95 मत पड़े।

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