Holi in the rain of Krishna and the pastimes of Kalia Mardan mesmerized

जयपुर 06 मार्च, (एजेंसी)। संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार और दृश्य भारती संस्था की ओर से दो दिवसीय भारतीय लोक नृत्य प्रस्तुति के अंतिम दिन कृष्ण की बरसाने में होली और कालिया मर्दन के दृश्यों ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया ।

इस नृत्य नाटिका का निर्देशन ममता पालीवाल और चित्रांश पालीवाल ने किया । काली दह लीला मे कृष्ण की मोहिनी सूरत, गोपियों के संग बरसाने में होली, नटखट अदाओं ने भगवान कृष्ण की लीलाओ को जीवंत कर माहौल को कृष्ण मये बना दिया ।
कथासार
भगवान श्री कृष्ण यशोदा के आंगन में बड़े होते हैं, कभी छुपकर मिट्टी खाना, माखन खाना, उनकी मोहनी सूरत को देखकर गोपियों का छेडख़ानी करना, माखन चुराना, फिर ग्वालो के संग यमुना नदी के किनारे काली देह में गेंद से खेलना, गेंद का काली देह में चला जाना,

जिसमें कालिया नाग निवास करता है, सारा गांव उससे दुखी है, तब ग्वालो के कहने पर भगवान श्री कृष्ण का नदी में कूद जाना और कालिया नाग और नागिन से संघर्ष करना उनका मर्दन करना और फिर उसके फन पर बांसुरी बजाते नदी से प्रकट होना ।

अपने आप में अद्भुत लीला थी इससे पूरे ब्रज में कृष्ण की जय जयकार होती है और लोग खुशियों से झूम उठते हैं ।

काली दह लीला नृत्य नाटिका मैं उमा शर्मा विनोद छाबड़ा अर्जुन सिंह राठौर राहुल बेरवा परिषद सिंह लोचन हांडा काजल चौहान बबीता शर्मा कृतिका अग्रवाल आयुषी तवर लविश कनिष्क कनिष्का शर्मा पार्थ शर्मा वर्णिका खुशी आदित्य गर्मी का दिव्य सक्षम मोनिका जाट मोहित कुमार बेरवा विजय राजोरिया चित्रांश नमन अनन्या जांगिड़ आदि ने अपने सजीव अभिनय से कृष्ण की लीलाओं को ऐसा रूप दिया कि लोग कृष्ण की जय-जयकार करने लगे ।

सांस्कृतिक संयोजक एन के पालीवाल ने बताया कि इस नृत्य नाटिका में नृत्य कोरियोग्राफी पंडित राजेंद्र राव, प्रकाश परिकल्पना राजेंद्र शर्मा राजू तथा ध्वनि प्रभाव आयुष पालीवाल एवं मंच व्यवस्था कपिल और सुशील शर्मा की रही,मेकअप असलम पठान द्वारा किया गया ।

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