Himachal Pradesh government increased stamp duty

शिमला 29 March, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) – हिमाचल प्रदेश सरकार ने हिमाचल प्रदेश काश्तकारी एवं भूमि सुधार अधिनियम-1972 की धारा 118 के तहत भूमि खरीद की अनुमति देने के लिए स्टाम्प ड्यूटी बढ़ा दी है।

नयी स्टाम्प ड्यूटी संरचना को पहली बार 13 फरवरी, 2025 को जारी भारतीय स्टाम्प (हिमाचल प्रदेश संशोधन) अध्यादेश, 2025 के माध्यम से लागू किया गया था। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की ओर से राज्य विधानसभा में पेश किये गये विधेयक के माध्यम से अब इन्हें औपचारिक रूप दिया जा रहा है।

राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में लागू भारतीय स्टाम्प अधिनियम, 1899 के तहत मौजूदा स्टाम्प ड्यूटी दरें तर्कहीन पाई गईं और उन्हें चरणों में संशोधित किया जा रहा है।

गैर-कृषकों से जुड़े भूमि लेनदेन से राजस्व बढ़ाने के लिए सरकार ने स्टाम्प ड्यूटी को छह प्रतिशत से बढ़ाकर बारह प्रतिशत कर दिया है। यह बढ़ोतरी स्वामित्व और पट्टा समझौतों दोनों के आधार पर भूमि हस्तांतरण पर लागू होती है। इस निर्णय के साथ हिमाचल प्रदेश में भूमि खरीदने वाले गैर-कृषकों को अब पहले की तुलना में दोगुना स्टाम्प शुल्क देना होगा।

सरकार को भूमि लेनदेन से राजस्व में उल्लेखनीय वृद्धि की उम्मीद है, जिससे विभिन्न प्रकार के भूमि हस्तांतरण के लिए स्टाम्प शुल्क दरों में स्पष्टता और एकरूपता सुनिश्चित होगी। यह कदम स्टाम्प शुल्क दरों को युक्तिसंगत बनाने और राजस्व सृजन को बढ़ाने के राज्य के व्यापक प्रयास का हिस्सा है।

कल सत्र के अंतिम दिन विधानसभा में विधेयक पर चर्चा की जायेगी।

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