Hearing on petition related to greenfield airport in Bihar

*दिल्ली और पटना के वरिष्ठ अधिवक्ताओं की टीम ने की पहल, याचिका पर उच्च न्यायालय की खण्डपीठ ने की सुनवाई

*उच्च न्यायालय की खण्डपीठ ने केंद्र व राज्य सरकार से 10 दिनों में स्थिति स्पष्ट करने को कहा

पटना, 03 सितम्बर ( आरएनएस/FJ) । पटना उच्च न्यायालय ने बिहार में हवाई अड्डों के विकास और ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे के निर्माण पर अपनी राय देते हुए राज्य और केंद्र सरकार से इस संदर्भ में 10 दिनों में अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा है। पटना उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल के समक्ष दायर जनहित याचिका की सुनवाई चल रही है।

31 अगस्त को हुई सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति संजय करोल की खण्डपीठ ने सरकार से सवाल करते हुए पुछा कि क्या भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने बिहार में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के निर्माण से संबंधित कोई प्रतिवेदन समर्पित किया है ? इस पर सरकार से मंशा जाहिर करने के साथ-साथ यह भी टिप्पणी की कि सुविधा संपन्न यात्रा संवैधानिक अधिकार है फिर बिहार को इससे वंचित क्यों किया जा रहा है।

इस संदर्भ में खण्डपीठ ने उच्चतम न्यायालय के कई निर्णयों का भी उल्लेख किया और सरकार से यह पुछा है कि क्या सारण में ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा का निर्माण कराया जा सकता है?

जनहित याचिका की तरफ से अधिवक्ता सह सारण लोकसभा क्षेत्र के सांसद राजीव प्रताप रुडी के साथ उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ताओं की पूरी टीम है जिसमें सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह, वरीय अधिवक्ता जितेंद्र सिंह, राजीव सिंह, वरुण सिंह, अधिवक्ता संकेत है।

पटना उच्च न्यायालय में इस केस की 31 अगस्त को चौथी सुनवाई थी। इन सभी अधिवक्ताओं ने उच्च न्यायालय में खण्डपीठ के समक्ष यह दलील देते हुए कहा कि पिछले सत्तर वर्षांे से बिहार की जनता को सुविधा संपन्न यात्रा से वंचित किया जाता रहा है जिसपर अब निर्णय लेना चाहिए। न्यायालय ने कहा है कि बिहार में निर्माण संरचना की बड़ी जरूरत और यह पूरी तरह से बिहार के हित में है।

खण्डपीठ ने कहा कि बिहार की 12 करोड़ की जनता देश की आबादी का दसवां हिस्सा है और इस हिस्से को विकास से वंचित नहीं किया जा सकता। न्यायालय ने भारत सरकार के 2016 की विमानन नीति का भी उल्लेख किया और बिहार के छोटे-बड़े सभी हवाई अड्डों का उन्नयन और निर्माण किस प्रकार होगा इसपर सरकार से जवाब मांगा है।

साथ ही बिहार के पहले ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा के निर्माण के बारे में राज्य और केंद्र सरकार से स्थित स्पष्ट करने की बात कही। इस संदर्भ में पत्रकारों से बात करते हुए रूडी ने बताया कि उन्होंने ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा के निर्माण से संबंधित प्रस्ताव से कई बार राज्य और केंद्र सरकार को अवगत कराया है जिसपर अब तक ठोस काम नहीं हो पाया।

अंततः न्यायालय इस संदर्भ को देख रही है और उम्मीद है कि बिहार की जनता के पक्ष में ठोस कार्य हो पायेगा। रूडी ने बताया कि माननीय न्यायाधीश ने दस दिनों में सरकार से जवाब मांगा है।

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