Haryana Women Commission's Vice President Sonia Agarwal sacked

जानिए हरियाणा सरकार ने क्यों लिया यह फैसला?

चंडीगढ़ ,10 जनवरी (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। हरियाणा सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी जीरो टॉलरेंस नीति को लागू करते हुए बड़ा कदम उठाया है। राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष सोनिया अग्रवाल को उनके पद से हटा दिया गया है।

सरकार ने इस संबंध में आधिकारिक आदेश जारी कर दिए हैं। सोनिया अग्रवाल पर अपने पद का दुरुपयोग करने और रिश्वत लेने जैसे गंभीर आरोप लगे थे, जिसकी जांच में पुष्टि हुई, जिसके बाद सरकार ने यह सख्त कदम उठाया है।

क्या थे आरोप?

सोनिया अग्रवाल पर महिला आयोग की उपाध्यक्ष रहते हुए कई मामलों के निपटारे का अनैतिक तरीके से फायदा उठाने का आरोप था। सूत्रों के मुताबिक उनके खिलाफ लंबे समय से शिकायतें दर्ज की जा रही थीं। इन शिकायतों में आरोप था कि वह प्रभावित महिलाओं को उनके मामलों में मदद करने के बदले रिश्वत लेती थीं। जांच के दौरान यह स्पष्ट हो गया कि सोनिया अग्रवाल ने अपने पद का दुरुपयोग किया है, जिसके बाद तत्काल कार्रवाई करते हुए उन्हें पद से बर्खास्त कर दिया गया।

भ्रष्टाचार पर हरियाणा सरकार का सख्त रुख

इस कार्रवाई के जरिए हरियाणा सरकार ने साफ संदेश दिया है कि किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। चाहे कोई भी अधिकारी या कर्मचारी हो, अगर उसने अपने पद का दुरुपयोग किया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पहले भी कई बार यह संदेश दे चुके हैं कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है।

सोनिया अग्रवाल के खिलाफ की गई यह कार्रवाई इसी नीति का हिस्सा है।लंबे समय से मिल रही थीं शिकायतेंसोनिया अग्रवाल के खिलाफ पिछले कई महीनों से शिकायतें मिल रही थीं।

पीडि़त महिलाओं ने आरोप लगाया था कि उनके मामलों को जल्द निपटाने या उनके पक्ष में फैसला दिलाने के लिए उनसे पैसों की मांग की गई थी। शिकायतों में यह भी कहा गया था कि वह महिला आयोग की छवि खराब कर रही हैं।

इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए सरकार ने मामले की जांच कराई, जिसमें आरोप सही पाए गए। इसके बाद सरकार ने तुरंत कार्रवाई करते हुए सोनिया अग्रवाल को उनके पद से हटा दिया।

जल्द होगी नई उपाध्यक्ष की नियुक्ति

सोनिया अग्रवाल को पद से हटाए जाने के बाद अब हरियाणा महिला आयोग में नई उपाध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं। सरकार जल्द ही इस पद पर नई नियुक्ति कर सकती है।

उम्मीद है कि इस बार ऐसे व्यक्ति को चुना जाएगा जो महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करेगा और उनके कल्याण के लिए ईमानदारी से काम करेगा।

भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा संदेश

सोनिया अग्रवाल के खिलाफ की गई कार्रवाई से यह साफ हो गया है कि हरियाणा सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा रुख अपना रही है। इससे प्रदेश के अन्य अफसरों और कर्मचारियों को भी यह स्पष्ट संदेश गया है कि अगर उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग किया तो उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।

सरकार की इस कार्रवाई की सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफॉर्म पर भी चर्चा हो रही है। कई लोगों ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि भविष्य में भी ऐसी सख्ती जारी रहेगी।

निष्कर्ष – हरियाणा सरकार का यह कदम न केवल भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ा संदेश है, बल्कि इससे यह भी पता चलता है कि सरकार महिला सुरक्षा और न्याय दिलाने के लिए पूरी तरह गंभीर है।

सोनिया अग्रवाल को पद से हटाना यह साबित करता है कि सरकार पारदर्शिता और ईमानदारी से समझौता नहीं करेगी। अब देखना यह है कि महिला आयोग की नई उपाध्यक्ष कौन बनती है और महिलाओं की समस्याओं का समाधान किस तरह करती है। यह कार्रवाई अन्य अधिकारियों के लिए भी चेतावनी है कि जिम्मेदारी के साथ-साथ ईमानदारी भी जरूरी है।

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