01.010.2025 – अंधेरी (पश्चिम), मुंबई स्थित रहेजा क्लासिक क्लब के प्रेक्षागृह में आयोजित इंडियन सिंगर्स एंड म्यूजिशियंस राइट्स एसोसिएशन( ISAMRA ) के 12वीं वार्षिक आम सभा में एक ऐतिहासिक घोषणा की गई है। उसके अनुसार अब रॉयल्टी केवल गायकों को ही नहीं, बल्कि संगीतकारों, कोरस गायकों और वाद्ययंत्र वादकों को भी वितरित की जाएगी।

भारतीय संगीत के इतिहास में यह पहली बार है कि किसी गीत में योगदान देने वाला प्रत्येक व्यक्ति उसके मूल्य में हिस्सा लेगा। विदित हो कि वर्ष 2012 में इंडियन सिंगर्स राइट्स एसोसिएशन (ISRA) की स्थापना हुई थी। गायकों के अधिकारों की रक्षा करने की दिशा में अग्रसर यह पंजीकृत संस्था अपने परिवर्तित नाम इंडियन सिंगर्स एंड म्यूजिशियंस राइट्स एसोसिएशन के साथ गायकों के अलावा संगीतकारों, कोरस गायकों और वाद्ययंत्र वादकों के हितों के लिए क्रियाशील हो गया है।

2012 से अब तक, गायकों को उनकी उचित रॉयल्टी दिलाने के लिए एसोसिएशन का सफर काफी लंबा रहा है और अभी भी उन्हें काफी लंबा सफर तय करना है। हालाँकि, फ़िलवक़्त यह एक बड़ी उपलब्धि है और इंडियन सिंगर्स राइट्स एसोसिएशन अपने बदले हुए नाम के साथ एक कदम और आगे बढ़ गया है।

अब इसे यूनाइटेड किंगडम जैसे विदेशी देशों से भी रॉयल्टी मिलनी शुरू हो गई है। वितरण के लिए ₹4.5 करोड़ निर्धारित किए गए हैं और केसरिया और रतन लंबियाँ जैसे नए चार्टबस्टर गानों से लेकर कल हो ना हो और सात समुंदर पार जैसे सदाबहार गानों से भी रॉयल्टी मिल रही है।
इस तरह, ISAMRA ने संगीत अधिकारों के क्षेत्र को सचमुच नया रूप दे दिया है। पहली बार, प्रत्येक स्वर – चाहे वह गाया गया हो या बजाया गया हो – अपना उचित महत्व रखेगा।यहाँ उल्लेखनीय है कि पहले चरण में 62 संगीतकारों और 40 कोरस गायकों को उनकी देय राशि प्राप्त होगी।
रॉयल्टी इंडियन सिंगर्स एंड म्यूजिशियंस राइट्स एसोसिएशन (ISAMRA) के संस्थापक और प्रबंध निदेशक संजय टंडन, अध्यक्ष अनूप जलोटा और सिंगर सोनू निगम, हरिहरन, उदित नारायण, अनुराधा पौडवाल, जसपिंदर नरूला, सुदेश भोसले और शैलेंद्र सिंह जैसे नामचीन शख्सियतों द्वारा प्रदान की जाएगी।
आम सभा के दौरान एसोसिएशन के अध्यक्ष अनूप जलोटा ने इंडियन सिंगर्स एंड म्यूजिशियंस राइट्स एसोसिएशन की संघर्ष यात्रा की विस्तृत चर्चा करते हुए सदस्यता के महत्व पर ज़ोर देते हुए कहा- “जब तक आप सदस्य नहीं बन जाते, आप अपनी रॉयल्टी नहीं ले सकते। ISAMRA में, हम गायकों से आजीवन सदस्यता के लिए ₹10,000 और संगीतकारों से ₹2,000 लेते हैं, जो रॉयल्टी के अनुसार समायोजित किया जा सकता है।”
ISAMRA के संस्थापक संजय टंडन ने भी यही भावना व्यक्त की: “यह भारतीय इतिहास में पहली बार होगा। इससे पहले संगीतकारों और कोरस गायकों को कभी रॉयल्टी नहीं मिली।
हमने इसके लिए वर्षों तक संघर्ष किया है, और अब मुझे इसे हकीकत बनते देखकर गर्व हो रहा है। सबसे कठिन काम गैर-फीचर्ड कलाकारों और उनके मेटाडेटा की पहचान करना होगा। हम उनसे आग्रह करते हैं कि वे आगे आएँ, ISAMRA से जुड़ें, और जो उनका हक़ है, उसे प्राप्त करें।”
* सिंगर सोनू निगम, जिन्होंने इस पल का हिस्सा बनने और इसे संगीतकारों और कोरस गायकों के साथ साझा करने के लिए लंबी दूरी तय की, उन्होंने इस उपलब्धि का सारांश देते हुए कहा: “जो एक छोटे से प्रयास से शुरू हुआ था, वह अब एक ऐतिहासिक उपलब्धि बन गया है। पहली बार, गायकों, संगीतकारों और कोरस गायकों को ISAMRA के माध्यम से उनकी उचित रॉयल्टी मिल रही है। समुदाय का विश्वास हमेशा से हमारी ताकत रहा है, और यही विश्वास ISAMRA को संगीत जगत के हर कलाकार के अधिकारों के लिए अथक प्रयास करने के लिए प्रेरित करता है।”
* सिंगर जसपिंदर नरूला के लिए, यह पहल बेहद निजी है: “मुझे बहुत खुशी है कि ISAMRA संगीत समुदाय को उनका हक दिलाने का एक माध्यम है, और मैं इस महान आंदोलन का हिस्सा बनने के लिए आभारी हूँ।”
* वरिष्ठ सिंगर शैलेंद्र सिंह ने इसे एक लंबे समय से प्रतीक्षित विजय बताया: “यह एक लंबी लड़ाई रही है, और यह तो आने वाली रॉयल्टी की शुरुआत मात्र है।”
सिंगर उदित नारायण ने इंडियन सिंगर्स एंड म्यूजिशियंस राइट्स एसोसिएशन के ऐतिहासिक रॉयल्टी वितरण कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि बहुत संघर्ष के बाद संगीत समुदाय के हित में सफलता मिली है।
प्रस्तुति : काली दास पाण्डेय
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