Government job game due to fake divorce RSSB and SOG investigation intensifies

जयपुर 11 Aug, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) । राजस्थान में सरकारी नौकरियों में आरक्षण के दायरे में हो रहा फर्जीवाड़ा अब एक नए रूप में सामने आया है।

तलाकशुदा महिलाओं के लिए आरक्षित 2% कोटे का लाभ लेने के लिए कई महिलाओं ने कथित तौर पर “फर्जी तलाक” लिया और कम कटऑफ के जरिए नौकरी हासिल की।

राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड (RSSB) के अध्यक्ष आलोक राज ने इस पर गंभीर चिंता जताई है और साफ कहा है कि यदि जांच में गड़बड़ी पाई गई तो कार्रवाई तय है। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए अब स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) भी जांच में उतरने जा रहा है।

राज्य में पहले ही फर्जी डिग्री और डिप्लोमा के आधार पर नौकरी पाने के कई मामले सामने आ चुके हैं, और अब “फर्जी तलाक” का मामला भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सीधा सवाल खड़ा कर रहा है।

आलोक राज के अनुसार, पिछले कुछ समय से यह देखा गया है कि तलाकशुदा कोटे की कटऑफ अन्य श्रेणियों की तुलना में काफी कम होने के कारण कुछ उम्मीदवार केवल कागजों में तलाक लेकर नौकरी में चयनित हो रहे थे।

इस संदर्भ में अब तक 12 से अधिक शिकायतें बोर्ड को मिल चुकी हैं। इनकी जांच आसान नहीं है क्योंकि हर मामला अलग परिस्थितियों और दस्तावेजों से जुड़ा हुआ है।

RSSB अध्यक्ष का कहना है कि वे विशेषज्ञों और SOG के साथ मिलकर एक सघन जांच अभियान शुरू करने की तैयारी में हैं, जिससे यह पता लगाया जा सके कि किन अभ्यर्थियों ने फर्जी दस्तावेजों के सहारे नौकरी पाई।

अधिकारियों के मुताबिक, यदि इस तरह के मामले प्रमाणित होते हैं, तो न केवल नियुक्ति रद्द होगी बल्कि आपराधिक कार्रवाई भी की जाएगी।

यह मामला सिर्फ भर्ती प्रक्रिया की साख के लिए खतरा नहीं है, बल्कि यह उन वास्तविक तलाकशुदा महिलाओं के अधिकारों का भी हनन है जो इस कोटे पर आश्रित हैं।

प्रशासनिक हलकों में चर्चा है कि आने वाले समय में दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया और अधिक कठोर की जा सकती है, ताकि भविष्य में इस तरह की हेराफेरी रोकी जा सके।

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