Government funds embezzlement case Delhi Lieutenant Governor approves case against 10 police officers

नई दिल्ली ,29 अक्टूबर (एजेंसी)। दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने 2.44 करोड़ रुपये के सरकारी धन गबन मामले में दिल्ली पुलिस के 10 अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दी है। 2019 में धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और आपराधिक विश्वासघात के अपराध के लिए आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा 2 सब-इंस्पेक्टर, 3 हेड कांस्टेबल और 5 कांस्टेबल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।

आरोपियों की पहचान उप-निरीक्षक (एसआई) मीना कुमारी, हरेंद्र (एसआई), विजेंदर सिंह, विजू पीके, आनंद कुमार (सभी हेड कांस्टेबल), कृष्ण कुमार, अनिल कुमार, रविंदर, संजय दहिया और रोहित (सभी कांस्टेबल) के रूप में की गई है। इन पर वेतन, एरियर और ट्यूशन फीस आदि के फंड को अपने निजी इस्तेमाल में गबन करने का आरोप लगाया गया है।

आपराधिक प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 197 (1) के तहत इन अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी देते हुए एलजी ने कहा कि रिकॉर्ड पर उपलब्ध सबूतों की सावधानीपूर्वक जांच करने पर उनके खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला बनता है। दिल्ली पुलिस को एक अन्य आरोपी विजय पाल (हेड कांस्टेबल), का ट्रैफिक का मामला भी शीघ्र प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है।

इन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगते हुए गृह विभाग ने प्रस्तुत किया कि प्रकटीकरण बयानों में कृष्ण, विजेंद्र सिंह, अनिल कुमार और मीना कुमारी ने उनके द्वारा सरकारी धन के गबन की बात स्वीकार की है और गवाहों के बयान, जब्ती ज्ञापन के साथ-साथ खातों को भी स्वीकार किया है। अन्य छह आरोपी व्यक्तियों के बयान उनके व्यक्तिगत उपयोग के लिए धन की हेराफेरी में उनकी संलिप्तता को दर्शाते हैं।

ईओडब्ल्यू, दिल्ली ने इस मामले में चार आरोपियों – कृष्ण, विजेंदर सिंह, अनिल कुमार और मीना कुमारी के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है और अन्य छह के खिलाफ आरोप पत्र दायर करने के लिए अदालत से मंजूरी मांगी गई है। दिल्ली पुलिस संविधान के अनुच्छेद 311(2)(बी) के प्रावधानों को लागू करके पहले ही कृष्ण कुमार, विजेंदर सिंह, अनिल कुमार और मीना कुमारी को सेवा से बर्खास्त कर चुकी है। जांच अधिकारी ने बताया कि आरोपियों के खाते सीज होने के कारण गबन की गई धनराशि की वसूली नहीं हो सकी है।

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