Gold surges due to banking crisis, will remain bullish for now Colin Shah

मुंबई 21 मार्च (एजेंसी)। सोने की कीमतों में उछाल के बीच बाजार के विशेषज्ञ एवं रत्न आभूषण निर्यात परिषद के पूर्व अध्यक्ष कॉलिन शाह ने कहा कि यह उछाल मुख्य रूप से पश्चिमी देशों में इस समय चल रहे बैंकिंग संकट के कारण है क्योंकि निवेशक के लिए सोने पर दबाव अधिक सुरक्षित लगने लगा है।

सोने की कीमतें मुंबई बाजार में सोना कारोबार के दौरान 60 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकार्ड स्तर को छू गयी हैं। कामा ज्यूलरी के संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक श्री शाह ने सोने की इस चमक पर कहा, पिछले एक महीने में सोने की कीमतें लगभग 7-8 प्रतिशत बढ़ी हैं। पीली धातु में तेजी मुख्य रूप से पश्चिम में बैंकिंग संकट के कारण है।

उनकी राय में आने वाले कुछ महीनों तक सोने में तेजी बनी रहेगी और इसे भारत में आगामी त्योहारों से भी समर्थन
मिलेगा। इससे घरेलू बाजार में भाव 62,000 रुपये तक भी जा सकते हैं।

श्री शाह का कहना है कि बैंकिंग संकट के कारण बाजार को लग रहा है कि केंद्रीय बैंक अपनी नीतिगत ब्याज दरों में वृद्धि और धन का प्रवाह कम करने के अपने नीतिगत रुख में कुछ ठहराव या नरमी ला सकते हैं।

उन्होंने कहा, केंद्रीय बैंकों द्वारा बैंकिंग प्रणाली में तरलता (धन का प्रवाह) बढ़ाने और नीतिगत ब्याज दर में वृद्धि का अंश कम करने या कोई वद्धि न करने की उम्मीदें सोने की कीमतों को बढ़ा रही हैं। सोना ऐतिहासिक रूप से निवेश का एक सुरक्षित ठिकाना रहा है। अनिश्चितता के दौर में उसका महत्व और बढ़ा है।

उन्होंने कहा कि सोने की कीमतों का इस समय नयी ऊंचाई पर पहुंचना आर्थिक वृद्धि के और धीमा पडऩे तथा बैंकों में पर्याप्त तरलता के साथ कम ब्याज दरों में कमी किए जाने का संकेत है ताकि बैंकिंग प्रणाली को मौजूदा संकट से निपटने में मदद मिल सके।

उन्होंने सोने के बाजार में अभी कुछ समय तक तेजी बने रहने का अनुमान जताते हुए कहा कि विश्व स्तर पर मौजूदा स्थिति को स्पष्ट होने में कुछ समय लग सकता है। विश्व स्तर पर, केंद्रीय बैंक अपने स्वर्ण भंडार को बढ़ा भी रहे हैं। इसी तरह भारत में गुड़ी पड़वा से शुरू होने वाले त्योहारी सीजन की शुरुआत से खुदरा स्तर पर मांग को समर्थन मिलेगा।

श्री शाह ने कहा,  हमें उम्मीद है कि अगले कुछ महीनों में सोने में और तेजी आएगी और नयी ऊंचाई को छुएगा। घरेलू बाजार में इसके 61,000-62,000 प्रति 10 ग्राम के दायरे में रहने की उम्मीद है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में पीली धातु 2,050-2100 डालर प्रति औंस के स्तर तक जा सकती है।

उल्लेखनीय है कि अमेरिका में सिलीकान वैली बैंक (एसवीबी) के डूबने में फेडरल रिजर्व बैंक की कर्ज महंगा करने की नीति है, जिससे वहां सरकारी बांडों के दामों में भारी गिरावट आने से उनमें लगाए गए धन पर बैंकों को भारी घाटा उठाना पड़ रहा है। अटकले हैं कि फेडरल रिजर्व इस सप्ताह अपनी नीतिगत बैठक में ब्याज में वृद्धि को कुछ हल्का कर सकता है या वृद्धि करने में कुछ ठहर सकता है ताकि बैंकिंग क्षेत्र को लेकर चिंता कुछ हल्की हो।

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