From Panch to CM's chair Chhattisgarh's new CM Vishnudev Sai was a four-time MP, thrice MLA and Minister of State at the Centre.

रायपुर ,10 दिसंबर (एजेंसी)। छत्तीसगढ़ के नए सीएम विष्णुदेव साय की पंच से सीएम तक के सफर की पूरी कहानी उन लोगों के लिए मिसाल है जो मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रहे हैं। अपने दादा-ताऊ की राजनीतिक विरासत को कायम रखते हुए विष्णुदेव साय 1989 में पंच चुने गए, 1990 में सरपंच और उसी साल 26 साल की उम्र में पहली बार विधायक बने।

उनके सीएम बनने की पूरी स्क्रिप्ट केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने तैयार की है। वे पूर्व सीएम रमन सिंह के भी करीबी रहे हैं।तीन दिसंबर को चुनाव परिणाम आने के बाद से ही छत्तीसगढ़ में नए सीएम का इंतजार हो रहा था। सात दिनों में भाजपा ने मुख्यमंत्री पद के लिए आदिवासी नेता विष्णुदेव साय का नाम तय किया है। विधायक दल की रविवार को हुई बैठक के बाद उनके नाम का ऐलान किया गया।

विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए विष्णुदेव साय शाम को ही राजभवन पहुंच गए। विष्णुदेव साय अब तक चार बार के सांसद, तीन बार के विधायक और छत्तीसगढ़ में भाजपा के अध्यक्ष की कमान संभालने वाले विष्णुदेव साय केंद्र सरकार में राज्य मंत्री भी रह चुके हैं।

नए सीएम विष्णुदेव 26 साल की उम्र में ही पहली बार विधायक बन गए थे, उनके दादा और दो ताऊ भी, विधायक-सांसद रह चुके हैं। विष्णुदेव साय ने इस बार चुनाव कुनकुरी विधानसभा सीट से लड़ा था, जिसमें उन्होंने 25 हजार 541 वोट से जीत मिली थी।
एक दिन पहले उन्होंने पत्रकारों से कहा-मेरी विनम्रता को कमज़ोरी नहीं मानना चाहिए। मैं तो इसे अपनी ताक़त मानता हूं और मेरी कोशिश रहेगी कि आजीवन विनम्र बना रहूं।

उनके चुनाव प्रचार के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सार्वजनिक तौर पर घोषणा की थी कि आप इन्हें विधायक बनाइए, इन्हें बड़ा आदमी मैं बनाऊंगा।

अमित शाह ने चुनाव प्रचार के दौरान कहा था, विष्णुदेव जी हमारे अनुभवी कार्यकर्ता हैं। नेता हैं, सांसद रहे, विधायक रहे, प्रदेश अध्यक्ष रहे। एक अनुभवी नेता को भारतीय जनता पार्टी आपके सामने लाई है। आप इनको विधायक बना दो. उनको बड़ा आदमी बनाने का काम हम करेंगे।

छत्तीसगढ़ के जिस सरगुजा संभाग से विष्णुदेव साय जीते हैं, उस संभाग की सभी 14 सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की है। उसके बाद से ही विष्णुदेव साय को मुख्यमंत्री बनाए जाने की चर्चा शुरू हो गई थी।

पिछड़ा वर्ग से आने वाले बीजेपी के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव, केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह, आईएएस से विधायक बने ओपी चौधरी और राज्य के पूर्व गृह मंत्री रामविचार नेताम के नाम की भी चर्चा थी. लेकिन अंतत: पार्टी ने विष्णुदेव साय के नाम पर मुहर लगाई।
कौन हैं विष्णुदेव साय21 फरवरी 1964 को एक आदिवासी परिवार में जन्में विष्णुदेव साय ने अपनी 10वीं तक की पढ़ाई कुनकुरी के लोयला हायर सेकेंडरी स्कूल से की थी।

उनके दिवंगत दादा बुधनाथ साय 1947 से 1952 तक विधायक और उनके दिवंगत ताऊ नरहरि प्रसाद साय भी दो बार विधायक और एक बार सांसद रह चुके हैं। एक और ताऊ केदारनाथ साय भी विधायक रह चुके हैं। राजनीतिक माहौल में पले-बढ़े विष्णुदेव साय 1989 में जशपुर जि़ले के बगिया गांव में पहली बार पंच चुने गये। इसके बाद अगले ही साल उनकी पंचायत का सरपंच चुना गया था। उसी साल भाजपा ने उन्हें तपकरा विधानसभा से अपना प्रत्याशी बनाया और अविभाजित मध्यप्रदेश में 1990 में वे पहली बार विधानसभा पहुंचे।

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