*केंद्रीय बल की तैनाती का निर्णय राज्य सरकार पर*
कोलकाता 09 June (एजेंसी) । बंगाल में 8 जुलाई को एक चरण में पंचायत चुनाव होना है। ऐसे में चुनावी तारीख की घोषणा के कई घंटों बाद ही राज्य में कई मुद्दों पर विपक्ष की त्यौरियां चढ़ गई है। विपक्ष चुनाव को लेकर नवनियुक्त राज्य चुनाव आयुक्त राजीव सिन्हा द्वारा ऐलान किए गये कई घोषणाओं को गले से उतार नहीं पा रहा है। लिहाजा कांग्रेस और भाजपा सहित विपक्षी दलों ने पंचायत चुनावों के दौरान केंद्रीय बलों की तैनाती और नामांकन दाखिल करने के लिए अधिक समय की मांग करते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया। ऐसे में कलकत्ता हाईकोर्ट ने आज पश्चिम बंगाल के चुनाव आयोग को आदेश दिया है कि अगले महीने होने वाले पंचायत चुनाव को शांतिपूर्वक और निष्पक्ष कराया जाए।
इसके अलावा, हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को नामांकन दाखिल करने की अवधि बढ़ाने और 8 जुलाई को होने वाले चुनावों के दौरान केंद्रीय बलों को तैनात करने के बारे में सोचने को कहा है। कोर्ट ने कहा कि नामांकन दाखिल करने के लिए पांच दिन का समय पर्याप्त नहीं है। मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनाम की अध्यक्षता वाली एक खंडपीठ के समक्ष इस मामले को रखा गया और जल्द सुनवाई की मांग की गई थी। हाईकोर्ट ने उन्हें याचिका दायर करने और दोपहर 12 बजे के बाद पेश होने को कहा। भाजपा ने पश्चिम बंगाल विधानसभा के विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी की ओर से मांग की कि हर बूथ पर सीसीटीवी कैमरे लगाने चाहिए, अर्धसैनिक बलों की तैनाती करनी चाहिए और पंचायत चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने में अधिक समय देना चाहिए।
वहीं पश्चिम बंगाल कांग्रेस प्रमुख अधीर रंजन चौधरी के वकीलों ने हाईकोर्ट का रुख किया और कहा कि शांतिपूर्ण और स्वतंत्र और निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करने के लिए राज्य चुनाव आयोग को पंचायत चुनावों के दौरान केंद्रीय बलों को तैनात करने का निर्देश दिया जाना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि साल 2018 में हुए पंचायत चुनावों के दौरान हिंसा और धमकी के मामले देखे गए थे। ऐसी स्थिति से बचने के लिए जवानों को तैनात किया जाना चाहिए। राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) के अनुसार, शुक्रवार से नामांकन दाखिल होने हैं, जो 15 जून तक चलेगा। जबकि 8 जुलाई को पंचायत चुनाव होंगे।
विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि नामांकन दाखिल करने के लिए दिया गया समय पर्याप्त नहीं है क्योंकि बड़ी संख्या में उम्मीदवारों को केवल सात दिनों में 60,000 से अधिक सीटों के लिए नामांकन दाखिल करना होगा।साल 2018 में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने पंचायत चुनावों में 34 प्रतिशत सीटों पर निर्विरोध जीत हासिल की थी। इस दौरान हिंसा के कई उदाहरण भी देखे गए। भाजपा सहित विपक्ष ने दावा किया कि सत्तारूढ़ टीएमसी द्वारा बड़े पैमाने पर धांधली और हिंसा की घटनाओं को प्रायोजित किया गया था। बता दें, पश्चिम बंगाल में कुल 3,317 ग्राम पंचायतें हैं। ग्राम पंचायत चुनाव केंद्रों की संख्या 58,594 है। कुल 63,283 पंचायत सीटें हैं।
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