कुशीनगर 27 दिसम्बर (एजेंसी)। जनपद के मोतीचक विकास खंड के मुहम्मदा जमीन सिकटिया गांव के घोसीपुर टोला में एक सप्ताह के भीतर दो बहने बुखार के चपेट मे आकर असमय ही काल के गाल मे शमा गई। बताया जाता है कि तीसरी बहन भी पीडि़त है और उसका मेडिकल कॉलेज गोरखपुर में इलाज चल रहा है।
काबिलेगौर है कि मोतीचक विकास खण्ड के सिकटिया गांव के निवासी योगेंद्र की नौ वर्षीय पुत्री सालू को एक सप्ताह पहले तेज बुखार के साथ शरीर में ऐंठन होने लगी तो घरवाले उसे जिला अस्पताल ले गए। वहां स्थिति गंभीर देख चिकित्सक ने मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। योगेंद्र की दूसरी पुत्री दो वर्षीय अमृता को भी बुखार एवं शरीर में ऐंठन शुरू हुई तो शनिवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हाटा ले जाया गया।
वहां के चिकित्सक ने उसे मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। रविवार की शाम उपचार के दौरान अमृता की भी मौत हो गई। मेडिकल कॉलेज की ओर से अमृता के मृत्यु प्रमाणपत्र में रोग का नाम सेप्सिस शाक एंड रेस्पायरेटरी फेलोर बताया गया है। योगेंद्र की तीसरी पुत्री एक वर्षीय प्रीति भी इसी रोग से पीडि़त है। उसका भी उपचार मेडिकल कॉलेज में चल रहा है। रोग को लेकर गांव वाले भयभीत हैं, उन्हें डर सता रहा कि रोग महामारी का रूप न ले ले।
इस मामले में बीआरडी मेडिकल कॉलेज के टीबी एवं चेस्ट विभाग के अध्यक्ष डॉ. अश्वनी मिश्रा ने कहा कि यह कोई नई बीमारी नहीं है। संक्रमण पूरे शरीर में फैल जाने से दिल और फेफड़ा काम करना बंद कर देता है। जिससे व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है। जब भी बुखार हो या फिर अन्य कोई तकलीफ तत्काल इलाज कराना जरूरी होता है।
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