नई दिल्ली 09 April, (एजेंसी): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्नाटक में बांदीपुर और मुदुमलाई टाइगर रिजर्व का दौरा किया। यहां प्रोजेक्ट टाइगर के 50 साल पूरे होने के मौके पर उन्होंने बांदीपुर टाइगर रिजर्व में जंगल सफारी का आनंद उठाया। वह रविवार सुबह बांदीपुर बाघ अभयारण्य गए और फिर वहां थेप्पाकडू के एलिफैंट कैंप पहुंचे। इस दौरान पीएम मोदी ने यहां कैमरे से कई तस्वीरें क्लिक कीं। हाथी को अपने हाथों से गन्ना खिलाया और दूसबीन की मदद से नजारों का लुत्फ उठाया।
दौरे पर रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के न्यू लुक की तस्वीर सामने आई। इसमें पीएम खाकी रंग के पेंट के साथ प्रिंटेड टी शर्ट में नजर आए। उन्होंने काले रंग की टोपी और काले रंग के जूते भी पहने हुए हैं। फोटो में पीएम मोदी हाथ में हाफ जैकेट लिए नजर आ रहे हैं।
बता दें कि इस दौरे में पीएम हालिया बाघ जनगणना रिपोर्ट, बाघ संरक्षण के लिए सरकार के विजन को भी जारी करेंगे और इस घटना के उपलक्ष्य में एक सिक्का भी जारी करेंगे। इस मौके पर पीएम मैसूरु और चामराजनगर जिलों में आयोजित होने वाले तीन दिवसीय मेगा इवेंट की शुरुआत भी करने वाले हैं।
पीएम मोदी सुबह बांदीपुर टाइगर रिजर्व का दौरा करेंगे। इसके बाद 11 बजे बाघ गणना के आंकड़े जारी करेंगे। इस दौरान वह ‘अमृत काल’ के दौरान बाघ संरक्षण के लिए सरकार का विजन भी जारी करेंगे और इंटरनेशनल बिग कैट्स एलायंस (आईबीसीए) की लॉन्चिंग भी करेंगे। IBCA दुनिया की सात प्रमुख बड़ी बिल्लियों – बाघ, शेर, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, प्यूमा, जगुआर और चीता के संरक्षण और संरक्षण पर ध्यान केंद्रित करेगा।
बांदीपुर टाइगर रिजर्व में पीएम मोदी बाघों के संरक्षण की गतिविधियों में शामिल फ्रंटलाइन फील्ड स्टाफ और स्वयं सहायता समूहों के साथ बातचीत भी करेंगे। पीएम मुदुमलाई टाइगर रिजर्व में थेप्पाकडू हाथी शिविर का भी दौरा करेंगे और हाथी शिविर के महावतों और ‘कावड़ियों’ से बातचीत करेंगे। प्रधान मंत्री बाघ अभयारण्यों के फील्ड निदेशकों के साथ भी बातचीत करेंगे, जिन्होंने हाल ही में संपन्न प्रबंधन प्रभावशीलता मूल्यांकन अभ्यास के 5वें चक्र में सर्वोच्च स्कोर किया है।
कर्नाटक में चुनाव सिर पर हैं। वहां 10 मई को निर्वाचन होना है, जिसके नतीजे 13 मई को आएंगे। चुनाव को देखते हुए पीएम मोदी का यह दौरा बेहद खास माना जा रहा है। पीएम के इस दौरे पर कर्नाटक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया सवाल उठा चुके हैं। उन्होंने दौरे से पहले कहा था कि आचार संहिता प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, मंत्रियों या विधायकों की परवाह किए बिना सभी के लिए समान रूप से लागू होती है।
इससे पहले जनवरी 2023 में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि देश के 53 टाइगर रिजर्व में 2,967 बाघ हैं। ये आंकड़ा 2018 की एख रिपोर्ट के हवाले से दिया गया था। अदालत 2017 की एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें विलुप्त हो रहे बाघों को बचाने का अनुरोध किया गया था।
बता दें कि देश में बाघों को बचाने के लिए 1973 में एक अनूठी योजना के साथ भारत में प्रोजेक्ट टाइगर शुरू किया गया था। इसके शुरुआती सालों में 9 बाघ अभ्यारण्य थे। लेकिन समय के साथ बाघ परियोजना का दायरा काफी बढ़ गया है।
बाघ को अभी भी ‘लुप्तप्राय’ के रूप में वर्गीकृत किया गया है। बाघों की 93 फीसदी तक नुकसान हो गया है और बाघों की संख्या एक सदी पहले 100,000 से कम हो गई। अवैध शिकार और आवास विनाश प्रमुख कारणों में से हैं।
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