Dhelamar Holi is celebrated in Barhi Chatakpur village of Lohardaga district of Jharkhand state.

*होली पर विशेष*

divya

दिव्या राजन –

लठमार होली, फूलों की होली, रंगों की होली और भी न जाने कितनी तरह की होली पूरे विश्व में मनाई जाती हैं ।
ऐसी हीं एक होली झारखंड राज्य के लोहरदगा जिले के बरही चटकपुर गांव में मनाई जाती है– ढेलामार होली

बिलकुल सही समझ रहे हैं आप..
दरअसल यह परंपरा गांव के दामादों के लिए मज़ाक में शुरू की गई थी, जिसमें बाद में पूरा गांव शामिल हो गया।

परंपरा यह है कि होलिका दहन के दिन पूजा के बाद गांव के पुजारी मैदान में खंभा गाड़ देते हैं और अगले दिन इसे उखाड़ने और मिट्टी का ढेला मारने के कार्यक्रम में भाग लेने के लिए गांव के तमाम लोग इकट्ठा होते हैं।

मान्यता यह है कि कि जो लोग ढेलों से चोट खाने का डर छोड़कर खूंटा उखाड़ने बढ़ते हैं, उन्हें सुख सौभाग्य की प्राप्ति होती है। ये लोग सत्य के मार्ग पर चलने वाले माने जाते हैं।

बीते कुछ वर्षों में बरही चटकपुर की इस होली को देखने के लिए लोहरदगा के अलावा आसपास के जिले से बड़ी संख्या में लोग जमा होते हैं, लेकिन इसमें सिर्फ इसी गांव के लोगों को भागीदारी की इजाजत होती है।

रंगों के इस त्योहार को मनाने का तरीका जैसा भी हो लेकिन इसमें त्योहार की मिठास, खुशी और उत्साह होना चाहिए। जलन, बदला जैसे भाव और शराब और अन्य नशा का प्रयोग करने के बहाने के रूप में कभी भी इस त्योहार का प्रयोग न करें।

अंत में होली की अनेकों शुभकामनाएं ।।

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