Delhi Police caught gangster, plot to kill rival in Dwarka court premises foiled

नई दिल्ली ,10 दिसंबर (एजेंसी)। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक प्रतिद्वंद्वी गिरोह के एक सदस्य को गिरफ्तार करने के बाद यहां द्वारका कोर्ट कॉम्प्लेक्स में एक गैंगस्टर की हत्या की कथित साजिश को नाकाम कर दिया। दिल्ली के शकूरपुर निवासी अंकित उर्फ तर्रू (26) के रूप में पहचाने गए आरोपी व्यक्ति के कब्जे से दो पिस्तौल, पांच जिंदा कारतूस और दो चाकू बरामद किए गए। पुलिस उपायुक्त (विशेष शाखा) इंजीत प्रताप सिंह ने कहा कि सूचना मिली थी कि शकूरपुर इलाके में एक स्थानीय आपराधिक समूह इलाके में गिरोह का वर्चस्व बढ़ाने के लिए अपने प्रतिद्वंद्वी गैंगस्टर मधेश उर्फ माधो को मारने की योजना बना रहा है।

डीसीपी ने कहा कि इसके बाद, खुफिया जानकारी इक_ा करने के लिए एक टीम तैनात की गई। निगरानी के दौरान यह पता चला कि सागर उर्फ कट्टो और अंकित अपने प्रतिद्वंद्वी मधेश को खत्म करने के इरादे से एक आपराधिक समूह के सदस्य थे। आगे की जांच में 8 दिसंबर को द्वारका कोर्ट परिसर के अंदर मधेश को मारने की उनकी साजिश का खुलासा हुआ। इस विशिष्ट जानकारी पर कार्रवाई करते हुए, एक टीम ने 8 दिसंबर को दिल्ली में अदालत परिसर के पास एक जाल बिछाया।

दोपहर के आसपास, अंकित को अदालत परिसर से सटी सड़क पर उस समय पकड़ लिया गया जब वह अपनी हुंडई आई-10 कार में आया था। अंकित ने अपनी स्कूली शिक्षा शकूरपुर के एक स्थानीय स्कूल से पूरी की। इसके बाद, उन्होंने 2017 में सत्यवती कॉलेज में संस्कृत (ऑनर्स) में दाखिला लिया। स्नातक के प्रथम वर्ष के दौरान सागर उर्फ कट्टो और अन्य सहयोगियों के साथ वह 2018 में शकूरपुर के राकेश, जिसे भोली के नाम से भी जाना जाता है, की हत्या में शामिल था। डीसीपी ने कहा कि यह कृत्य मधेश द्वारा उनके सहयोगी लकी की हत्या का प्रतिशोध था।

2020 में अंकित को कोविड-19 के कारण अंतरिम जमानत पर रिहा किया गया था। इस अवधि के दौरान उसने अपने साथियों सागर और जॉनसन के साथ मिलकर अपने प्रतिद्वंद्वी मधेश पर जानलेवा हमला किया जिसके परिणामस्वरूप उसकी गिरफ्तारी हुई।

डीसीपी ने आगे कहा कि हालांकि उसे जुलाई 2021 में जमानत दे दी गई थी। लेकिन उसे रानी बाग में अवैध हथियारों के साथ फिर से गिरफ्तार कर लिया गया। लकी की हत्या से अंकित और सागर के मन में मधेश के प्रति आक्रोश था और वे उसे खत्म करने पर आमादा थे। दोनों को जानकारी मिली थी कि मधेश 8 दिसंबर को द्वारका कोर्ट का दौरा करेगा। इसलिए उन्होंने उसे वहां मारने की योजना तैयार की। अपनी योजना के बाद, अंकित ने अवैध हथियार, गोला-बारूद और चाकू खरीदे और 8 दिसंबर को द्वारका कोर्ट पहुंचे थे।

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