Daughters are not less than sons, Aarti saved his father's life by giving half a liver to his injured father in a road accident

मेरठ ,30 जुलाई (एजेंसी)। कंकरखेड़ा में एक बेटी ने अपने पिता को आधा लीवर डोनेट कर उनके जीवन को सुरक्षित कर दिया। बेटी के द्वारा किए गए इस कार्य की चारों तरफ प्रशंसा हो रही है। दरअसल छात्रा के पिता लगभग एक महीना पूर्व सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गए थे। सड़क हादसे में उनका लिवर डैमेज हो गया था।

जिस कारण उनकी हालत खराब हो रही थी। लीवर नहीं मिलने पर बेटी ने ही अपने पिता को लिवर डोनेट करने का फैसला किया था। पिता और बेटी दोनों पूरी तरह स्वास्थ्य है।

कंकरखेड़ा की सरधना रोड स्थित न्यू सैनिक कॉलोनी निवासी 43 वर्षीय जितेंद्र सिंह ने बताया कि उनकी चार बेटी व एक बेटा है। वह 510 वर्कशॉप में टेक्निकल विभाग में है। लगभग एक महीना पूर्व बाइक से शाम के समय वापस घर लौट रहे थे। इसी बीच शिव चौक के पास सड़क हादसे में वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे। परिजनों ने घायल अवस्था में जितेंद्र को अस्पताल में भर्ती कराया था। जहां चिकित्सकों ने बताया कि इनका लीवर चोट लगने की वजह से डैमेज हो गया है।

एक सप्ताह तक अस्पताल में रहने के बाद चिकित्सकों ने जितेंद्र की छुट्टी कर दी थी। इसके बाद जितेंद्र अपने घर आ गए थे। जितेंद्र ने बताया कि बीती 3 जुलाई को अचानक से उनके मुंह, कान व नाक से खून निकलने लगा था। जिसके बाद परिजनों ने जितेंद्र को दोबारा से अस्पताल में भर्ती कराया था। चिकित्सकों ने हालत गंभीर देखते हुए जितेंद्र को नोएडा के फोर्टिस अस्पताल के लिए रेफर कर दिया था। जहां हर दूसरे दिन जितेंद्र को लगभग 5 से 6 यूनिट ब्लड चढ़ता था।

चिकित्सकों ने परिजनों से लीवर की व्यवस्था करने के लिए कहा। वही जितेंद्र की हालत दिन पर दिन बिगड़ती जा रही थी। लेकिन लीवर की व्यवस्था नहीं हो पा रही थी। जिसके बाद जितेंद्र की सबसे छोटी बेटी 19 वर्षीय आरती सिंह ने अपने पिता को अपना आधा लिवर डोनेट करने के लिए कहा।

बेटी की बात सुनकर परिजनों के भी होश उड़ गए। लेकिन बेटी ने कहा कि वह अपने पिता की जान बचाने के लिए अपना आधा लिवर डोनेट करेगी। जिसके बाद चिकित्सकों की टीम ने आरती का पूरा चेकअप किया। सभी रिपोर्ट सही आने के बाद चिकित्सकों ने 11 जुलाई को जितेंद्र की सर्जरी कर दी।

24 जुलाई को चिकित्सकों ने जितेंद्र को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया। दोनों पिता-पुत्र पूरी तरह से स्वस्थ हैं। पिता ने बताया कि चिकित्सकों के अनुसार उनकी बेटी सबसे कम उम्र की लीवर डोनेट करने वाली छात्रा है। चिकित्सकों ने भी उनकी बेटी की खूब प्रशंसा की।

पड़ोसियों व रिश्तेदारों ने की बेटी की प्रशंसा

आरती ने अपने पिता को आधा लिवर डोनेट करके समाज के लिए एक मिसाल पेश की है। जिस किसी को भी आरती के इस साहस भरे काम की जानकारी हुई। उसी ने आरती की तारीफ व प्रशंसा की।

पड़ोसियों व रिश्तेदारों ने भी आरती के जज्बे को सलाम किया। वही आरती को बधाई देने वालों का घर पर तांता लगा रहा। लोगों ने कहा कि धन्य है, ऐसे माता पिता जिनके पास आरती जैसी बेटी है।

इसी साल 12वीं की परीक्षा की है उत्तीर्ण

जितेंद्र ने बताया कि उनकी बेटी आरती ने इसी वर्ष 12वीं कक्षा की परीक्षा प्रथम नंबरों से पास की है। उनकी बेटी आरती बीएससी फर्स्ट ईयर में एडमिशन का प्रयास कर रही है।

अपनी बेटी के इस फैसले पर पिता की आंखों में भी आंसू आ गए। पिता ने कहा कि उन्हें अपनी बेटी पर गर्व है। अस्पताल में उपचार के दौरान उन्हें होश नहीं था। जब उन्हें पता चला कि उनकी बेटी ने उन्हें लिवर डोनेट किया है तो उनकी आंखों से आंसू निकल गए।

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