नई दिल्ली 09 April, (एजेंसी): पड़ोसी देशों पाकिस्तान और चीन को करारा झटका देते हुए भारत ने जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में जी-20 देशों की बैठक तय कर दी है। दोनों ही देश भारत में जी-20 की मीटिंग के लिए अलग-अलग शहरों में होने वाली बैठकों को लेकर आपत्ति जताते रहे हैं। भारत ने शुक्रवार को अपना जी-20 कैलेंडर अपडेट करते हुए कहा कि पर्यटन पर कार्य समूह की बैठक 22 मई से 24 मई के बीच श्रीनगर में होगी।
बता दें कि पाकिस्तान और चीन नहीं चाहते थे कि टूरिज्म पर जी-20 की वर्किंग ग्रुप की मीटिंग यहां हो। पाकिस्तान ने तो इसके लिए सऊदी अरब, तुर्किए और चीन तक से गोलबंदी करने की कोशिश की थी। हालांकि, भारत ने अब साफ कर दिया है कि बैठक श्रीनगर में ही होगी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अरुणाचल प्रदेश की तरह ही चीन श्रीनगर में होने जा रही बैठक से भी दूरी बना सकता है लेकिन इसमें कभी कोई शक नहीं था कि बैठक श्रीनगर में होगी।
रिपोर्ट्स के अनुसाार, श्रीनगर में होने वाली बैठक की तैयारी बीते साल ही शुरू हो गई थी। खास है कि सभी 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों में जी-20 की बैठक आयोजित की जा रही हैं। इसी के मद्देनजर अरुणाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में भी बैठक रखी गई थी। इसको लेकर चीन और पाकिस्तान ने आपत्ति जताई थी। चीन अरुणाचल प्रदेश पर खुद दावा करता है, जबकि हकीकत ये है कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा है।
अगले कुछ महीनों में बीजिंग के साथ कई प्रस्तावित उच्च स्तरीय वार्ताओं के बीच श्रीनगर में जी20 बैठक भी होगी। चीनी रक्षा और विदेश मंत्रियों दोनों के एससीओ बैठकों के लिए जल्द ही भारत आने की उम्मीद है। जुलाई में एससीओ शिखर सम्मेलन की तारीखों को अंतिम रूप देने के लिए भारत वर्तमान में चीन, रूस और अन्य सदस्य देशों के संपर्क में है। यदि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग बैठक के लिए आते हैं, तो यह अप्रैल 2020 में पूर्वी लद्दाख में चल रहे सैन्य गतिरोध के बाद से पीएम नरेंद्र मोदी के साथ उनकी पहली द्विपक्षीय बैठक का अवसर खोलेगा।
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