Darjeeling tea industry fears loss of Rs 50 crore due to landslides and floods

कोलकाता 09 Oct, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। उत्तर बंगाल में भारी वर्षा से उत्पन्न बाढ़ और भूस्खलन ने दार्जिलिंग की लगभग 30 से 35 चाय बागानों में भारी तबाही मचा दी है। इन घटनाओं में चाय की फसलों, मजदूरों के घरों और सड़क मार्गों को गंभीर नुकसान पहुंचा है। उद्योग से जुड़े लोगों के अनुसार, अब तक लगभग 50 करोड़ रुपये के नुकसान की आशंका जताई गई है।

दार्जिलिंग के चाय उत्पादकों ने बताया कि अनेक बागानों में चाय की झाड़ियां पूरी तरह बह गई हैं, जिससे कई बागानों की उपजाऊ भूमि स्थायी रूप से नष्ट हो गई है। उद्योगपति एसएस बगरिया ने कहा कि उनके समूह की तीन बागानों सहित पूरे उद्योग को भारी वर्षा और भूस्खलन से कम से कम 50 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

चामोंग टी के चेयरमैन अशोक लोहिया ने कहा कि दार्जिलिंग की 71 परिचालित बागानों में से कम से कम 50 प्रतिशत बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। उन्होंने बताया कि लगातार बारिश के कारण दो से तीन दिन तक बिजली और कामकाज ठप रहा। बुधवार को बिजली बहाल की गई, लेकिन आंतरिक सड़कों की दुर्दशा के कारण मजदूर बागानों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं।

लोहिया ने कहा कि प्रशासन और गोरखालैंड टेरिटोरियल एडमिनिस्ट्रेशन सड़क मार्ग बहाल करने में जुटे हैं, परन्तु सबसे बड़ी जरूरत बागानों के भीतर की सड़कों को सुगम बनाना है ताकि श्रमिक काम पर लौट सकें। उन्होंने बताया कि गुरुवार को नुकसान का आकलन करने के लिए उद्योगपतियों की बैठक बुलाई गई है।

लोहिया ने यह भी बताया कि अक्टूबर-नवंबर में होने वाली ‘ऑटम फ्लश’ यानी शरद ऋतु की फसल, जो वार्षिक उत्पादन का लगभग 15 प्रतिशत होती है, अब संकट में है। यदि सड़क संपर्क जल्द बहाल नहीं हुआ तो उत्पादन पर गंभीर असर पड़ेगा। पिछले वर्ष दार्जिलिंग चाय का उत्पादन 60 लाख किलो से भी कम रहा था।

दार्जिलिंग टी एसोसिएशन के प्रधान सलाहकार संदीप मुखर्जी ने कहा कि इस प्राकृतिक आपदा ने खासकर मिरिक और पोखरियाबोंग क्षेत्र के बागानों को भारी नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने बताया कि औसतन प्रत्येक प्रभावित बागान में दो से 2.47 एकड़ चाय उत्पादक भूमि भूस्खलन में बह गई है। लोहिया के अनुसार, एक बागान में 10 हजार चाय झाड़ियां बह गईं, जो लगभग दो हेक्टेयर क्षेत्र के बराबर है।

वहीं छह बागानों के मालिक बिनोद मोहन ने कहा कि यह आपदा 1968 की बाढ़ और भूस्खलन के बाद सबसे भीषण रही है। उनके सियोक एस्टेट में दो मजदूरों की मौत हुई और कई मजदूरों के घर बह गए। लगभग 60 से 70 भूस्खलनों से 20 एकड़ चाय भूमि नष्ट हुई।

बगरिया समूह की तीन बागानों में भी करीब 10 हेक्टेयर भूमि के बह जाने की सूचना है। अधिकारियों के अनुसार, रविवार को हुई भारी वर्षा और भूस्खलनों में दार्जिलिंग और आसपास के क्षेत्रों में कम से कम 32 लोगों की मौत हुई है। अनेक गांवों का संपर्क टूट गया है और सैकड़ों पर्यटक अब भी फंसे हुए हैं। उत्पादन में व्यवधान और परिवहन संकट के कारण कोलकाता टी ऑक्शन सेंटर में दार्जिलिंग चाय की आपूर्ति घटने की संभावना है, जिससे इसकी कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है।

कोलकाता टी ट्रेडर्स एसोसिएशन के एक अधिकारी के अनुसार, 14 और 24 अक्टूबर को होने वाली आगामी नीलामियों के लिए लगभग 1.15 लाख किलोग्राम दार्जिलिंग चाय सूचीबद्ध की गई है, परंतु अगले दौर की नीलामियों में मात्रा और घट सकती है। 8 अक्टूबर को हुई पिछली नीलामी (सेल नंबर 41) में 65,148 किलोग्राम दार्जिलिंग चाय पेश की गई थी, जिसमें से 46,406 किलोग्राम की बिक्री औसतन 468.35 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से हुई।

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