कोलकाता 16 Jan (एजेंसी): 72 सालों में भारत के सबसे पुराने केस को पिछले हफ्ते कलकत्ता हाईकोर्ट की सबसे पुरानी पीठ ने सुलझा दिया है। बेरहामपुर बैंक से जुड़ा ये केस वर्तमान चीफ जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव का जन्म होने से भी एक दशक पहले दर्ज हुआ था। कोर्ट को इस बात से राहल मिली है कि बेरहामपुर बैंक लिमिटेड की लिक्विडेशन कार्यवाही से जुड़ी मुकदमेबाजी अब खत्म हो गई है। हालांकि अभी भी देश के अगले पांच सबसे पुराने लंबित मामलों में से दो निपटाने के लिए बचे हुए हैं। उनमें से सभी 1952 में दायर किए गए थे।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक देश के बाकी सबसे पुराने तीन मामलों में से दो दीवानी मुकदमे बंगाल के मालदा की दीवानी अदालतों में चल रहे हैं और एक मद्रास हाईकोर्ट में लंबित है। मालदा की अदालतों ने इन लंबे समय से चल रहे मुकदमों को निपटाने की कोशिश करने के लिए इस साल मार्च और नवंबर में सुनवाई की तारीख तय की है। बेरहामपुर मामले का उल्लेख राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड में 9 जनवरी तक किसी भी भारतीय अदालत में सुने जाने वाले सबसे पुराने मामले के रूप में किया गया है।
बेरहामपुर बैंक को बंद करने के आदेश को चुनौती देने वाली एक याचिका 1 जनवरी, 1951 को दायर की गई थी और उसी दिन ‘मामला संख्या 71/1951’ के रूप में दर्ज की गई थ। बेरहामपुर बैंक देनदारों से पैसा वसूल करने के लिए कई मुकदमों में उलझा हुआ था। इनमें से कई कर्जदारों ने बैंक के दावों को चुनौती देते हुए अदालत का रुख किया था।
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