Cooperative has an important place in the development of the state : Mr. BadalCooperative has an important place in the development of the state : Mr. Badal

कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग (सहकारिता प्रभाग) द्वारा

सहकार से समृद्धि – सह लोकार्पण एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ आयोजन

राज्य की 3 सर्वश्रेष्ठ सहकारी समिति को किया गया सम्मानित।

500 लैंप्स/पैक्स को 2-2 लाख के कार्यशील पूंजी उपलब्ध कराई जाएगी।

रांची, हमने कृषि के क्षेत्र में विकास का बीड़ा उठाया है। हम इंटीग्रेटेड फार्मिंग की सोच को धरातल पर उतारने की दिशा में काम कर रहे हैं। राज्य में सहकारिता को लेकर कई तरह की चुनौतियां हैं और उन चुनौतियों का सामना कर हमने विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर काम किया है। उक्त बातें राज्य के कृषि,पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री माननीय श्री बादल ने हेसाग स्थित पशुपालन भवन में सहकारिता सभागार में आयोजित सहकार से समृद्धि – सह –  लोकार्पण- सह-  प्रशिक्षण कार्यक्रम मैं बतौर मुख्य अतिथि कहीं।

एनसीडीसी द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम श्री बादल ने कहा कि सोच को बदलने की जरूरत है। 1904 से मद्रास से चला सहकारिता आंदोलन विभिन्न क्षेत्रों में सफलता के कई नए आयाम गढ़ चुका है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ हमारे साथ ही अलग राज्य के रूप में अस्तित्व में आया था लेकिन आज वह कृषि के क्षेत्र में तेजी से काम कर रहा है और वहाँ सहकारी समितियां काफी सक्रिय है। श्री बादल ने 500 लैंप्स /पैक्स के बीच दस करोड़ रुपए की कार्यशील पूँजी के वितरण की शुरुआत करते हुए कहा कि कार्यशील पूंजी का सदुपयोग सुनिश्चित होना चाहिए साथ ही जिला स्तर पर इसकी मॉनिटरिंग सुनिश्चित की जाए।

कृषि मंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान हमारे सहकारी बंधुओं ने जान की परवाह किये बिना धान उत्पादन के क्षेत्र में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर लक्ष्य से ज्यादा धान की अधिप्राप्ति की है। 60 लाख मैट्रिक टन के विरुद्ध 62.85 लाख मैट्रिक टन धान की अधिप्राप्ति हुई है। साथ ही हमने अगले वित्तीय वर्ष के लिए 80 लाख मैट्रिक टन का लक्ष्य रखा है।

उन्होंने बताया कि कृषि विभाग राज्य में धान स्टॉक के लिए 200 यार्ड्स बनाने की योजना पर काम चल रहा है साथ ही राज्य में कम से कम 100 राइस मिल के लिए संबंधित विभाग को जमीन के लिए भी लिखा जा चुका है। राइस मिल प्रोजेक्ट को हम पायलट प्रोजेक्ट के रूप में ले रहे हैं और 5000 मेट्रिक टन क्षमता का कोल्ड स्टोरेज और 30 मेट्रिक टन क्षमता के कई कोल्ड रूम तैयार किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि विभाग कृषि के क्षेत्र में के आधारभूत संरचनाओं का विकास करने जा रहा है।

विभागीय सचिव श्री अबूबक्कर सिद्दीक पी. ने कहा कि एनसीडीसी ने पहली बार सहकारी समिति को सम्मानित करने का काम किया है उन्होंने कहा कि सहकारिता के क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं इस पर और ज्यादा काम करने की जरूरत है। सरकार की विभिन्न योजनाओं को सहकारिता के माध्यम से कार्यान्वित करने से बेहतर नतीजे दिखाई देते हैं।

कार्यक्रम में निबंधक, सहयोग समितियाँ कार्यालय की ओर से  प्रकाशित होने वाले मासिक पत्रिका”सहकार संवाद” के प्रवेशांक का तथा झारखण्ड सहकारी मैनुअल का लोकार्पण क कृषि मंत्री के द्वारा किया गया।

कार्यशाला में मुख्य रूप से एनसीडीसी के क्षेत्रीय निदेशक श्री सिद्धार्थ कुमार, रजिस्ट्रार  सहकारिता श्री मृत्युंजय कुमार बरनवाल, निदेशक पशुपालन श्री शशि प्रकाश झा सहित कई पदाधिकारी व सहकारी समिति के सदस्य उपस्थित थे।

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