नई दिल्ली , 19 दिसम्बर (एजेंसी)। केन्द्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और देश की 140 करोड़ जनता के योगदान की वहज से जलवायु परिवर्तन में योगदान, विज्ञान, इनोवेशन, अंतरीक्ष तकनीकी से लेकर मैनुफैक्चरिंग डेस्टिनेशन के रूप में भारत को दुनिया में विशिष्ट पहचान मिली है। उन्होंने कहा कि इंटरनेशनल मॉनिटरिंग फंड (आईएमएफ), वर्ल्ड बैंक सहित दुनिया के अनेकों संगठनों ने स्वीकार किया है कि कोवडि-19 के दौरान और उसके बाद भारत की “वी-सेप्ड” रिकवरी हुई है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत ने अंतरर्राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानजनक स्थिति प्राप्त की है, जिसे “इंडिया इज राइजिंग स्टैचर ग्लोबली” कहा जा सकता है।
यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जलवायू परिवर्तन के मुद्दे पर भारत विकासशील देशों की आवाज बनकर उभरा है। जी-20 सम्मेलन के दौरान दिल्ली डिक्लरेशन में भारत के नेतृत्व में सस्टेनेबल डेवलपमेंट के लिए ग्रीन बेल्ट की बात रखी गयी है, जिसे पूरी दुनिया ने स्वीकारा किया है। विकासशील देशों की विकास यात्रा में वित्तीय सहायता और तकनीकी हस्तानांतरण की जरूरत होती है, अगर दुनिया के विकसित देश द्वारा तकनीकी हस्तानांतरण सही तरीके से नहीं करेंगे, तब तक पूरा विश्व का जलवायु एवं पर्यावरण संरक्षण के साथ विकास का लक्ष्य प्राप्त नहीं कर पाएगा।
भारत के विकास को रेखांकित करते हुए भूपेन्द्र यादव ने कहा कि अब भारत सिर्फ विकासशील देश नहीं रहा है, क्योंकि आज भारत मिशन चंद्रयान जैसे अभियान को चलाकर दुनिया में अनुसंधान, खोज, विज्ञान, इनोवेशन और अपनी क्षमता को प्रदर्शित कर चुका है। भारत सीमित वित्तीय संसाधन में भी ऐसा तकनीक का प्रयोग कर चंद्रमा पर पहुंच सकता है। मिशन चंद्रयान का बजट केवल 615 करोड़ रुपए था। भारत ने दुनिया को सिखाया है कि योग्यता, क्षमता, ताकत और आगे बढ़ने की इच्छाशक्ति हो, तो सीमित संसाधानों का उपयोग कर वैश्विक उपलब्धियां प्राप्त की जा सकती है।
देश के विकास के प्रति दुनिया के वित्तीय संस्थानों के विचारों को साझा करते हुए भपेंद्र यादव ने कहा कि वर्ष 2014 से 2019 के बाद पुरी दुनिया ने वैश्विक महामारी कोविड-19 को देखा था। वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान दुनिया के विकसित देश की अर्थव्यवस्था लड़खड़ा गयी। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि भारत ने जिस प्रकार से कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम व इलाज की जैसी तैयारी की, वह काबिलेतारीफ थी। उन्होंने कहा कि लगभग 140 करोड़ की आबादी वाले देश में 37 राज्य एवं संघ शासित प्रदेश और 770 जिले में भारत सरकार ने जिस प्रकार से बहुआयामी स्वास्थ्य सेवा चलायी थी, उसे दुनिया ने सराहा है।
भपेंद्र यादव ने कहा कि इंटरनेशनल मॉनिटरिंग फंड (आईएमएफ), वर्ल्ड बैंक सहित दुनिया के अनेकों संगठनों ने स्वीकार किया है कि कोवडि-19 के दौरान और उसके बाद भारत की वी-शेप्ड रिकवरी हुई है। आईएएमएफ की अक्टूबर 2023 की रिपोर्ट के अनुसार भारत की जीडीपी 6.3 प्रतिशत है अर्थात देश की अर्थव्यवस्था का विस्तार तेजी से हो रहा है। जबकि अमेरिका की जीडीपी 2.1 प्रतिशत, चीन की 4.4 प्रतिशत सहित विकसित देशों का विकास दर भारत से कम है। इसलिए भारत दुनिया का एक क्षमतावान बाजार बनकर उभरा है। डिजिटल क्रांति की दृष्टि में एप्पल कंपनी ने भारत में आईफोन-15 की एसेम्बलिंग कर रहा है।
ताइवान की बड़ी कंपनी फॉक्सकॉन और जापान की कई बड़ी कंपनियों ने भारत को एक नया मैनुफैक्चरिंग डेस्टिनेशन के रूप में चिन्हित किया है। वैश्विक अर्थशक्ति के रूप में उभरते भारत की चर्चा करते हुए यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत आज दुनिया की पांचवी अर्थव्यवस्था बन गया है। देश जल्द ही तीसरी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में विकसित भारत की संकल्प यात्रा चल रही है, जिसका मूल लक्ष्य है कि जनता की सुविधाओं को बढ़ाते हुए वर्ष 2047 तक भारत को दुनिया का विकसित राष्ट्र बनाना है। भूपेन्द्र यादव ने कहा कि विज्ञान प्रौद्योगिकी, पर्यावरण आधारित विकास, ग्रीन रोड डेवलपमेंट, चंद्रयान को चंद्रा पर उतारने जैसी क्षमताओं के साथ भारत ने अपने मूल विरासत अर्थात सांस्कृतिक और अध्यात्मिक पक्षों को लेकर दुनिया में अपनी एक पहचान बनायी है।
वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कार्यभार संभालने के बाद योग को केंद्र बिन्दु में रखा है और योग आज अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जाता है। वाराणासी में स्वर्वेद मंदिर की तस्वीरें देखकर लगता है कि योग, ज्ञान, विज्ञान, अध्यात्म को लेकर भारत दुनिया में सॉफ्ट पावर के रूप में उभर रहा है। इसलिए भारत में “एलिफेंट विस्पर” जैसी मूवी को अंतरर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिलती है। भपेंद्र यादव ने कहा कि भारत की विकास कहानी नित्य नए आयाम गढ़ रही है। रिफॉर्म, परफॉर्म, ट्रांसफॉर्म की दृष्टि से भारत में आज 11 इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बने हैं। भारत ने अनेक देशों के साथ व्यापारिक क्षमताओं के लिए अपनी सक्रियता बढ़ायी है। जेनरिक दवा के उत्पादन में भी भारत लीडिंग प्रोड्यूसर बना है।
नए तकनीक को अपनाकर देश की क्षमता को आगे बढ़ाया गया है। भारत ने गवर्नेंस की प्रोसेस में शत-प्रतिशत डिजिटाइजेशन प्रक्रिया को लागू किया है। भारत की इन्फॉरमेशन टेक्नोलॉजी की इंडस्ट्रीज 227 बिलियन डॉलर की हो गयी है। देश में डेटा पॉलिसी भी लाई गई है। भारत अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपने स्टैचर को आगे बढ़ाया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और देश की जनता के योगदान के कारण भारत आज दुनिया में विशिष्ट स्थान बनाया है। देश के विजन एवं क्षमता को दुनिया द्वारा स्वीकार करने की बात करते हुए यादव ने कहा कि आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंटोनी अल्बनीस हो, या चाहे इटालियन पीएम जार्जिया मेलोनी हो, चाहे गूगल कंपनी के सीईओ सुंदर पिचाई हो, वे सभी लोगों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की क्षमता, नेतृत्व, विजन और विकास की धारा को सराहा है और उसे स्वीकार किया है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बहुपक्षीय वार्ताओं में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति सम्मान दिखता है।
यूएन सम्मेलन में शुभारंभ संभाषण के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आमंत्रित किया जाता है। कॉप-2.8 की बैठक में जब वित्तीय डायलॉग की बात हुई तो वहां भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ओपनिंग रिमार्क के लिए आमंत्रित किया गया। उसके बाद दुनिया के बड़े नेता पैनल डिस्कशन शुरू हुए। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने भारत के विजन एवं मिशन को दुनिया के सामने रखा है और उसे लेकर आगे बढ़ रहे हैं। यही कारण है कि देश का युवा आज जॉब गिवर बन रहा है, न कि जॉब सीकर।
नए आंकड़ों के अनुसार, महिलाओं का स्वरोजगार एवं उद्यम क्षेत्रों में तेजी से आगे बढ़ी हैं।भपेंद्र यादव ने कहा कि देश में सबसे बड़ा र्स्टाटअप इकोसिस्टम बना है और भारत में प्रति दिन एक नया र्स्टाटअप खुल रहा है। स्टार्टअप मामले में भारत दुनिया में दूसरे स्थान पर और यूनिकॉर्न में तीसरे स्थान पर खड़ा है। 2021 में एक दिन में 29 यूनिकॉर्न बना था और वर्ष 2022 में एक दिन में 9 यूनिकॉर्न बने हैं। भारत ने दुनिया को क्लाईमेट एक्शन प्रोग्राम दिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2019 में लीडआईडी अर्थात लीडरशीप ऑफ इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट के तहत ग्रीन इंडस्ट्रीज अर्थात ट्रांसपोर्ट, एल्युमिनियम सेक्टर आदि को ग्रीन इंडस्ट्रीज में परिवर्तित करने की शुरूआत की थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लीडआईडी-2.0 शुरू की गयी।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दुनिया में समाप्त हो रहे जंगल को बचाने के लिए भारत ने यूएई से मिलकर कॉप बैठक में ग्रीन इनिशिएटिव शुरू किया है। इंटरनेशनल सोलर लाइट के माध्यम से रिन्युएबल इनर्जी की क्षमता को 33 प्रतिशत तक वृद्धि करने पर जोर दिया है। 2015 में पेरिस अनुबंध के बाद भारत ने नौ साल पहले अपनी क्षमता को पूरा किया है, चाहे सोलर रिन्युएबल की क्षमता हो, चाहे कार्बन इमिशन को कम करने की क्षमता हो। देश ने अपने बायो डायवर्सिटी की क्षमता को भी आगे बढ़ाया है। प्राकृतिक आपदा के दौरान विध्वंस से जानमाल की रक्षा करने के लिए आधारभूत संरचना विकसित करना और क्षमता का विस्तार करने के लिए भारत ने सीडीआर तैयार किया है।
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