अरुणाचल में दो जलविद्युत परियोजना की आधारशिला रखने के मौके पर पीएम ने कहा
ईटानगर,22 सितंबर (आरएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अरुणाचल प्रदेश में दो प्रमुख जलविद्युत परियोजना की आधारशिला रखी. इसके साथ ही कई अन्य विकास परियोजनाओं की भी नींव रखी. पीएम मोदी आज अरुणाचल पहुंचे. इस मौके पर उन्होंने एक जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान केन्द्रीय मंत्री किरेन रिजिजू भी मौजूद रहे.
अरुणाचल के सियोम उप-बेसिन में विकसित होने वाली दो प्रमुख जलविद्युत परियोजनाओं – हीओ जलविद्युत परियोजना (240 मेगावाट) और तातो- आई जलविद्युत परियोजना (186 मेगावाट) की आधारशिला रखने के अवसर पर उन्होंने एक जनसभा को संबोधित किया.
इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा, अरुणाचल की मेरी यात्रा विशेष बन गई है. नवरात्रि के पहले दिन मुझे इतने खूबसूरत पहाड़ देखने को मिले. आज अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार लागू हो गए हैं. जीएसटी बचत उत्सव शुरू हो गया है. अरुणाचल को बिजली, स्वास्थ्य, पर्यटन और कई अन्य क्षेत्रों की परियोजनाएँ दी गई हैं.
इस मौके पर उन्होंने कहा, कांग्रेस की सोच का पूरे पूर्वोत्तर को बहुत नुकसान हुआ. जिससको किसी ने नहीं पूछा, उसको मोदी पूजता है. पूर्वोत्तर में विकास पहुँचने में दशकों लग गए. अरुणाचल को प्रकृति का वरदान प्राप्त है. उस समय की दिल्ली सरकार ने अरुणाचल प्रदेश और उसके लोगों की उपेक्षा की.
कांग्रेस जैसी पार्टियों को लगता था कि अरुणाचल प्रदेश में बहुत कम लोग रहते हैं, वहाँ सिर्फ 2 लोकसभा सीटें हैं, तो इस राज्य पर ध्यान क्यों दिया जाए? पूरा पूर्वोत्तर विकास में पिछड़ रहा था. हमारी प्रेरणा वोटों और सीटों की संख्या नहीं, बल्कि राष्ट्र प्रथम का विचार है. हमारा एकमात्र मंत्र नागरिक देवो भव: है. हम आठ पूर्वोत्तर राज्यों की पूजा अष्टलक्ष्मी के रूप में करते हैं. इसलिए इस क्षेत्र को विकास में पीछे नहीं देख सकते हैं.
पीएम मोदी ने कहा,अरुणाचल प्रदेश के लोग नमस्कार से पहले जय हिंद कहते हैं. आप स्वयं से पहले राष्ट्र को रखते हैं. राष्ट्र आत्मनिर्भरता की अपेक्षा करता है. भारत तभी विकसित होगा जब वह आत्मनिर्भर बनेगा, जिसके लिए स्वदेशी का मंत्र बहुत महत्वपूर्ण है. समय की मांग है कि हम स्वदेशी अपनाएं. स्वदेशी खरीदें. स्वदेशी बेचें. गर्व से कहो, यह स्वदेशी है.
उन्होंने तवांग में एक अत्याधुनिक कन्वेंशन सेंटर और 1,290 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली कई प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की भी आधारशिला रखी, जो कनेक्टिविटी, स्वास्थ्य, अग्नि सुरक्षा और कामकाजी महिलाओं के छात्रावासों सहित विभिन्न क्षेत्रों को लाभ पहुंचेगा.
इससे पहले पीएम मोदी के यहां पहुंचने पर राज्यपाल केटी परनाइक और मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने राजभवन हेलीपैड पर उनका स्वागत किया. अरुणाचल प्रदेश में अपने कार्यक्रमों के बाद पीएम मोदी त्रिपुरा की यात्रा करेंगे, जहां उनका उदयपुर के ऐतिहासिक माता त्रिपुर सुंदरी मंदिर परिसर में विकास कार्यों का उद्घाटन करने का कार्यक्रम है. इस यात्रा में धार्मिक अनुष्ठान शामिल होंगे, लेकिन किसी सार्वजनिक संबोधन की उम्मीद नहीं है.
45 मिनट का कार्यक्रम मंदिर के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व पर केंद्रित होगा. प्रधानमंत्री के हेलीकॉप्टर से पलाटना के लिए उड़ान भरने से पहले अगरतला के महाराजा बीर बिक्रम हवाई अड्डे पर पहुंचने की उम्मीद है. वहां से वह सड़क मार्ग से मंदिर स्थल तक जाएंगे. दोनों परियोजनाओं को राज्य के स्वामित्व वाली उत्तर पूर्वी इलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन द्वारा चालू किए जाने की उम्मीद है.
परियोजनाओं में उत्तर पूर्वी इलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन की हीओ हाइड्रो इलेक्ट्रिक परियोजना (240 मेगावाट) और टाटो- आई हाइड्रो इलेक्ट्रिक परियोजना (186 मेगावाट) शामिल हैं, जो राष्ट्रीय थर्मल पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है. अधिकारी के अनुसार, 3,700 करोड़ रुपये से अधिक की अनुमानित लागत वाली इन दो बिजली परियोजनाओं को उत्तर पूर्वी इलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन द्वारा अरुणाचल प्रदेश सरकार के साथ एक संयुक्त उद्यम में विकसित किया जा रहा है.
शि योमी जिले के सियोम उप-बेसिन में स्थित हीओ हाइड्रो इलेक्ट्रिक परियोजना (3&80 मेगावाट) से सालाना लगभग 1000 एमयू बिजली का उत्पादन होगा. टाटो- आई जलविद्युत परियोजना (3&62 मेगावाट) से सालाना लगभग 803 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन होगा. अधिकारी ने बताया कि दोनों परियोजनाओं से अरुणाचल प्रदेश की विशाल जलविद्युत क्षमता का दोहन होने और सतत ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है.
इससे क्षेत्र में पर्याप्त सामाजिक-आर्थिक लाभ होगा. उन्होंने कहा कि नए रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देकर ये पहल राज्य को विकास और प्रगति के पथ पर अग्रसर करने, विकास को बढ़ावा देने और अपने नागरिकों के लिए एक उज्जवल भविष्य का निर्माण करने के लिए तैयार हैं. अधिकारी ने बताया कि साथ में हीओ और टाटो- आई परियोजनाएं भारत के स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों में महत्वपूर्ण योगदान देगी. साथ ही अरुणाचल प्रदेश के ऊर्जा और विकास परिदृश्य को भी बदल देगी, जिससे 2047 तक विकसित भारत बनाने के उद्देश्य से देश भर में बिजली क्षेत्र में सुधार होगा.
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