Congress, which has lost power in Punjab, did not learn a lesson

*राजस्थान में भी पैरों पर कुल्हाड़ी मारने की कोशिश*

नई दिल्ली 26 Sep. (Rns/FJ)-भारत जोड़ों यात्रा पर निकले राहुल गांधी की कांग्रेस में ही फूट पड़ती दिखाई दे रही है। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण हैं राजस्थान में हुई सियासी उठापटक। भाजपा वाले जहां राहुल को भारत जोड़ो के बीच कांग्रेस तोड़ों पर व्यंग्य कस रहे हैं वहीं सियासी विश्लेषकों ने इस कहानी के कई एंगल हमारे सामने ला दिए हैं। एक एंगल कयासों का यह है कि अशोक गहलोत को जाल में इसलिए फंसाया गया ताकि वह कांग्रेस अध्यक्ष पद के नामांकन वाली सीढ़ियां न चढ़ पाएं वहीं दूसरा एंगल यह है अगर राजस्थान में सीएम बदला गया तो पंजाब वाला हाल न हो जाए और राजस्थान में भी कांग्रेस को हार का सामना करना पड़े।

राजस्थान में रविवार शाम जो हुआ उसे कांग्रेस पार्टी में होने वाले बड़े प्रयोग के तौर पर फिलहाल एक बड़ा झटका माना जा रहा है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि इस पूरे घटनाक्रम के सिरे के जवाबों को तलाशेंगे तो एहसास होगा कि अशोक गहलोत ने एक तरह से अपनी राजनीतिक क्षमता और नेतृत्व क्षमता का एहसास कराया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस पूरे घटनाक्रम में एक संदेश यह भी दिया जा रहा है कि अशोक गहलोत राष्ट्रीय अध्यक्ष न बनकर राजस्थान के मुख्यमंत्री ही बने रहना चाहते हैं। उधर, गहलोत सरकार में मंत्री शांति सिंह धारीवाल का नया वीडियो सामने आया है। इसमें शांति सिंह धारीवाल कहते नजर षड्यंत्र के चलते कांग्रेस ने पंजाब खोया है. इसी के चलते हम राजस्थान भी खोने जा रहे हैं। अगर हम नहीं संभले तो राजस्थान नहीं बचेगा। ये वीडियो धारीवाल के घर हुई विधायकों की बैठक का बताया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि पंजाब में भी कांग्रेस ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाकर चरणजीत चन्नी को सीएम बनाया था और वहां का नतीजा सबके सामने है। पार्टी 82 सीटों से 20 से भी कम सीटों पर आकर अटक गई और आम आदमी पार्टी सरकार बनाने में कामयाब रही।

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