Congress refrained from even taking the name of Babasaheb during its rule Dharmendra Pradhan

नई दिल्ली 14 April, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी): केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर की जयंती पर उनका स्मरण करते हुए उन्हें नमन किया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने अपने 60 साल के शासन में बाबासाहेब का नाम तक लेने से गुरेज किया।

शिक्षा मंत्री का कहना है कि बाबासाहेब के जीवित रहते भी कांग्रेस द्वारा बार-बार उनका तिरस्कार किया गया। उनके जाने के बाद उन्हें इतिहास के पटल से मिटाने की कोशिशें की गईं। आज पूरा देश बाबासाहेब की जयंती पर उन्हें नमन कर रहा है। बाबासाहेब का पूरा जीवन समतामूलक समावेशी समाज बनाने के लिए समर्पित रहा। वे महान देशभक्त तथा स्वतंत्र भारत में लोकतंत्र की स्थापना के अग्रदूत थे।

उन्होंने यह भी कहा कि हमारे लोकतंत्र को संविधान रूपी महान उपहार बाबासाहेब से मिला है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, “बाबासाहेब के विराट व्यक्तित्व और विचारों से प्रेरणा लेकर भारत और भारत का लोकतंत्र नई ऊंचाइयों को छू रहा है।

समानता, स्वतंत्रता और बंधुत्व की जो परिकल्पना बाबा साहेब ने देश के सामने रखी थी, उसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश साकार कर रहा है। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बाबासाहेब के विचारों को लेकर भाजपा कार्यकर्ता एवं सरकार देश के कोने-कोने तक जा रहे हैं। गली-गली, गाँव-गाँव, कस्बे-कस्बे तक उनके महान विचारों को पहुंचाया जा रहा है।

प्रधान ने कहा कि दुखद है कि इसके लिए देश को दशकों तक इंतजार करना पड़ा है। अपने 60 साल के शासन में कांग्रेस पार्टी बाबासाहेब का नाम तक लेने से गुरेज करती रही। कांग्रेस ने बाबासाहेब के रहते भी उनका बार-बार तिरस्कार किया और उनके जाने के बाद भी उन्हें इतिहास के पटल से मिटाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

लेकिन आज देशवासियों को गौरव है कि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 से ही बाबासाहेब के विचारों को लेकर आगे बढ़ने का संकल्प लिया है। बाबा साहेब से जुड़े स्थलों को पंचतीर्थ के रूप में विकसित करके महान प्रतीकों की स्थापना की है। देश के गरीब, वंचित, शोषित, पिछड़ा, महिला सहित सर्वसमाज की प्रगति को प्राथमिकता दी है।

धर्मेंद्र प्रधान कहा कि वह आज बाबा साहेब की जयंती पर उन्हें बार-बार नमन करते हैं।

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