जयपुर 19 फरवरी, (एजेंसी)। राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक पद से महेश जोशी के इस्तीफे और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा इसे स्वीकार किए जाने के बाद पार्टी के राज्य प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने एक व्यक्ति एक पद का हवाला देते हुए राज्य में राजनीतिक अटकलों को तेज कर दिया है। उन्होंने जोशी के इस कदम को 25 सितंबर, 2022 की घटना से जोड़ा है। 25 सितंबर, 2022 को गहलोत खेमे के कई विधायक पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा बुलाई गई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं हुए थे। बैठक कथित तौर पर गहलोत के उत्तराधिकारी के रूप में सचिन पायलट को चुनने के लिए थी।
रंधावा की टिप्पणी के बाद जोशी ने सचिन पायलट खेमे से जुड़े नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
जोशी ने कहा, मैंने इस्तीफा दिया, इसे आलाकमान और मुख्यमंत्री ने स्वीकार कर लिया। रंधावा ने इसे कार्रवाई का हिस्सा माना, मुझे खुशी है कि कार्रवाई की गई है.. मैं उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई का इंतजार कर रहा हूं, जिन्होंने पार्टी और सरकार को कमजोर करने की कोशिश की।
उन्होंने कहा, मैं दबाव में काम करने वाला व्यक्ति नहीं हूं। अगर आलाकमान ने उस समय फैसला किया होता, तो मैं इस्तीफा दे देता। अगर आलाकमान मुझे इससे आगे भी चाहता है, तो मुझे उनके आदेशों का पालन करने में खुशी होगी। मुझे आलाकमान के आदेशों का पालन करने में खुशी होगी। मुझे बस इतना कहना है कि बाकी पर भी कार्रवाई जल्द की जाए।
रंधावा ने जयपुर के सर्किट हाउस में मीडिया से बात करते हुए कहा, मामला (एक व्यक्ति एक पद का नियम और 25 सितंबर की घटना) उनकी नियुक्ति से पहले का है। ऐसे में आलाकमान मुझे जो भी निर्देश देगा, मैं उसी के अनुसार काम करूंगा.. आलाकमान ने मुझसे जो कहा, मैंने किया है।
प्रदेश प्रभारी ने माना कि नेताओं (गहलोत और पायलट) के बीच मनमुटाव है और वह इसे खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं।
कांग्रेस विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं हुए गहलोत खेमे के विधायकों ने उसी दिन (25 सितंबर) यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के बंगले पर समानांतर बैठक की।
इस मामले में शांति धारीवाल, महेश जोशी और धर्मेद्र राठौड़ को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया है। तीनों नेताओं ने नोटिस का जवाब दिया था। यह मामला कांग्रेस अनुशासन समिति के पास लंबित है। अभी तक कमेटी ने सीधी कार्रवाई नहीं की है।
सचिन पायलट खेमा लगातार 25 सितंबर की घटना के लिए जिम्मेदार तीनों नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहा है। पायलट खुद इस मुद्दे पर हाल ही में कई बार बयान दे चुके हैं। 17 फरवरी को जोशी के इस्तीफे को 25 सितंबर की घटना पर कार्रवाई की शुरुआत के तौर पर देखा जा रहा है।
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