नई दिल्ली, 8 सितंबर (आरएनएस/FJ) । दिल्ली में स्कूल विजिट की श्रृंखला को जारी रखते हुए उपमुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने गुरुवार सुबह सर्वोदय कन्या विद्यालय, टिकरी खुर्द का दौरा कर स्कूल में चल रही विभिन्न शैक्षणिक गतिविधियों सहित ईएमसी, हैप्पीनेस करिकुलम, देशभक्ति करिकुलम आदि के प्रगति की जाँच की और बच्चों से उनकी पढ़ाई को लेकर भी चर्चा की।
इस मौके पर श्री सिसोदिया ने बच्चों से संवाद करते हुए कहा कि, बच्चों की मानसिकता में स्कूली स्तर से ही यह भाव आना जरुरी, पढ़ाई पूरी करने के बाद जॉब सीकर नहीं जॉब प्रोवाइडर बनेंगे और ऐसी नौकरियां पैदा करेंगे जो वर्तमान में अस्तित्व में नहीं है। हमारे स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे अपने इनोवेशन से, बिज़नेस आइडियाज के दम पर नई टेक्नोलॉजी के जरीय ऐसी नौकरियां पैदा करेंगे जिनकी आज कल्पना नहीं की जा सकती है।
उन्होंने कहा कि, “मुझे यह देख कर ख़ुशी होती है कि हमारे स्कूलों के बच्चे अपना बिज़नेस शुरू करने का सपना देख रहे है और अपने-अपने क्षेत्रों में कुछ नए प्रयोग करने के लिए बेताब है, इनकी इस बेताबी को दिल्ली सरकार सपोर्ट करेगी, इसी से आने वाले समय की नई नौकरियां पैदा होंगी। स्टूडेंट्स से चर्चा करते हुए सिसोदिया ने कहा कि, नौकरी मांगने वालों के साथ-साथ यह भी जरुरी है कि हमारे स्कूलों से नौकरी देने वाले और केवल नौकरी देने वाले नहीं बल्कि भविष्य की नौकरियां पैदा करने वाले बच्चे भी निकले।
उन्होंने कहा कि बच्चों की मानसिकता में स्कूली स्तर से ही यह भाव आना जरुरी है कि वो जब स्कूली पढ़ाई पूरी करने आगे जाएंगे तो नौकरी मांगने वाले नहीं बल्कि नौकरी देने वाले बनेंगे और ऐसी नौकरियां पैदा करने वाले बनेंगे जो वर्तमान में अस्तित्व में नहीं है। आने वाले समय में अपने काम से, इनोवेशन से, अपने बिज़नेस आइडियाज के दम पर नई टेक्नोलॉजी के जरीय वो ऐसी नौकरियां पैदा करेंगे जिनकी आज कल्पना नहीं की जा सकती।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि आज युवा जो नौकरिया कर रहे है, 20-25 साल पहले इन नौकरियों की कल्पना नहीं की जा सकती थी| यह इसलिए संभव हो सका क्योंकि 20-25 साल पहले स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों ने अपना दिमाग सिर्फ उन नौकरियों के लिए नहीं लगाया जो उस समय अस्तित्व में थी बल्कि नई चीजों को खोजने पर लगाया। उनके उस साहस की बदौलत आज हमारे पास बहुत सी ऐसी नौकरियां है जो उस समय अस्तित्व में नहीं थी।
उन्होंने आगे कहा कि यही जिम्मेदारी वर्तमान में स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों पर भी है। यह बच्चे जब क्लासरूम में पढ़ रहे है तो यह अच्छी बात है कि बहुत से बच्चे आई.ए.एस, आई.पी.एस, टीचर,वकील बनना चाहते है| लेकिन साथ-साथ यह भी जरुरी है कि वे अपने भविष्य की योजनाएँ ऐसी नौकरियां पैदा करने के लिए बनाए जो अभी अस्तित्व में नहीं है। सिसोदिया ने कहा कि मुझे यह देख कर ख़ुशी है कि मैं जब भी स्कूलों में जाता हूँ, तो वहां हर क्लास में 10-20% बच्चे अपना बिज़नेस शुरू करने के सपने देख रहे है, हमारी बच्चियां बिज़नेस-वीमेन बनने के सपने देख रही है और अपने-अपने क्षेत्रों में कुछ नए प्रयोग करने के लिए बेताब है|
इनकी इस बेताबी को दिल्ली सरकार सपोर्ट करेगी और इसी से आने वाले समय की नई नौकरियां पैदा होंगी।बच्चों ने बताया बिज़नेस ब्लास्टर्स प्रोग्राम से जॉब-सीकर की बजाय बन रहे है जॉब प्रोवाइडर, स्वतंत्र बनने में मिल रही है मदद, कॉन्फिडेंस बढ़ने के साथ-साथ अपने स्किल्स के बारे में भी बना पा रहे है। सिसोदिया ने 11वीं-12वीं क्लास में स्टूडेंट्स से ईएमसी क्लासेज व बिज़नेस ब्लास्टर्स के विषय में पूछा तो बच्चों ने बताया कि ईएमसी व बिज़नेस ब्लास्टर्स ने हमें ये सोच दी है कि नौकरी के पीछे नहीं भागना है बल्कि नौकरी देने वाला बनना है|
साथ ही ईएमसी ने हमें जोखिम उठाते हुए कुछ नया करने-सीखने की प्रेरणा दी है। स्टूडेंट्स ने साझा किया कि बिज़नेस ब्लास्टर्स से हर चीज को लेकर उनका कॉन्फिडेंस बढ़ा है चाहे वो पढ़ाई हो या और कुछ काम साथ ही साथ टीम में काम करना सीख रहे है और अपने स्किल्स के बारे में भी समझ बना रहे है।
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