Chief Minister Mr. Hemant Soren participated in the Graduation ceremony of Didis of Jharkhand.

*मुख्यमंत्री ने आजीविका से आत्मनिर्भर बनी अति गरीब परिवारों की दीदियों को किया सम्मानित

*मुख्यमंत्री ने ग्रामीण इलाकों में छोटे-छोटे समूह में आजीविका का कार्य कर रहीं दीदियों के संघर्ष और मेहनत को सराहा

*मुख्यमंत्री ने कहा- यहां के संसाधनों का इस्तेमाल यहां के लोगों के उत्थान और राज्य के विकास में करने का हो रहा प्रयास

*राज्य की मजबूती के लिए ग्रामीण व्यवस्था का मजबूत होना सबसे जरूरी

*आत्मनिर्भर बन चुकी दीदियां अन्य दीदियों के लिए ऊर्जा स्रोत हैं

*ग्रामीणों को मान-सम्मान के साथ दे रहे उनका हक-अधिकार

आर्यभट्ट सभागार मोरहाबादी, रांची, 07.11.2022 (FJ) राज्य की मजबूती के लिए जरूरी है ग्रामीण अर्थव्यवस्था का मजबूत होना । ग्रामीण अर्थव्यवस्था तभी  मजबूत बनेगी, जब ग्रामीण अपने पैरों पर खड़ा होंगे । इसी मकसद से सरकार योजनाओं को बनाकर धरातल पर उतार रही है।  मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने आज दि नज इंस्टिट्यूट की ओर से आयोजित “झारखंड की दीदियों का स्नातक समारोह”  को संबोधित करते हुए ये बातें कही। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर लोहरदगा, लातेहार और गुमला जिले की आजीविका से  आत्मनिर्भर और सक्षम बनी 400 दीदियों को सम्मानित कर और आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया। मुख्यमंत्री ने अति गरीब परिवारों की इन दीदियों को स्वावलंबी बनाने की दिशा में अहम भूमिका निभाने वाले नज़ इंस्टिट्यूट के प्रयासों और कार्यों की सराहना की।

Chief Minister Mr. Hemant Soren participated in the Graduation ceremony of Didis of Jharkhand.

 ये दीदियां अन्य दीदियों के लिए ऊर्जा स्रोत है

मुख्यमंत्री ने कहा कि ये दीदियां विपरीत परिस्थितियों और चुनौतियों का सामना करते हुए जिस तरह विभिन्न आजीविका से जुड़कर ना सिर्फ खुद स्वावलंबी बनी है बल्कि अपने परिवार का भरण पोषण बेहतरीन तरीके से कर रही हैं, वह अन्य दीदियों  के लिए ऊर्जा स्रोत हैं। मुझे उम्मीद है कि आने वाले दिनों में राज्य की सभी दीदियां और भी मजबूत होंगी।

Chief Minister Mr. Hemant Soren participated in the Graduation ceremony of Didis of Jharkhand.

आज भी राज्य पिछड़ा और यहां की बड़ी आबादी गरीब

मुख्यमंत्री ने कहा कि खनिज समेत  तमाम संसाधनों की प्रचुरता के बाद भी झारखंड की गिनती पिछड़े राज्यों में होती है। यहां के आदिवासी, दलित, अल्पसंख्यक और पिछड़ा वर्ग की एक बड़ी आबादी गरीबी को झेल रही है। इन लोगों को सामाजिक ताना-बाना कुछ ऐसा है कि  यहां के खनिज संसाधनों का लाभ इन्हें नहीं मिल रहा है । यहां के खनिज संसाधन का इस्तेमाल बड़े उद्योग उठा रहे हैं, लेकिन राज्य को इसका लाभ नहीं मिल रहा है । हमारी सरकार इस मुद्दे पर गंभीरता के साथ कार्य कर रही है ताकि यहां के संसाधनों का इस्तेमाल यहां के लोगों के उत्थान और राज्य के विकास में किया जा सके।

 घर-घर तक पहुंच रही योजनाएं लोगों की समस्याओं का समाधान

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने “सरकार आपके द्वार” कार्यक्रम के माध्यम से घर-घर तक योजनाओं को पहुंचाने का काम किया है। इस दौरान ना सिर्फ ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान हुआ है, बल्कि पूरे मान-सम्मान के साथ उन्हें उनका हक और अधिकार भी देने का काम किया गया। इस अभियान में प्रखंड से लेकर मंत्रालय में पदस्थापित सचिव स्तर के अधिकारियों ने भी गांव- गांव जाकर आपको सरकार की योजनाएं से जोड़ने का का काम किया है। कई कार्यक्रमों में मैं भी शामिल हुआ। इसका उद्देश्य सरकार की योजनाओं से हर घर को जोड़ना है। आगे भी यह सिलसिला जारी रहेगा।

पारंपरिक ग्रामीण व्यवस्था को कर रहे मजबूत 

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे बुजुर्गों का जो तजुर्बा है। उन्होंने जो हमें सिखाया है वह आज भी ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए काफी कारगर है। उनका पशुधन ही उनका धन-संपत्ति होता था। उन्होंने इसे काफी संभाल कर रखा। अब सरकार ने भी इसी परिपाटी पर मुख्यमंत्री पशुधन योजना शुरू किया है ।इस योजना के तहत ग्रामीणों को सब्सिडी पर पशु के साथ शेड निर्माण के लिए  राशि दी जा रही है, ताकि वे पशुपालन कर अपनी आय बढ़ा सके। इसके अलावा ग्रामीणों के सशक्तिकरण के लिए बिरसा हरित ग्राम योजना, दीदी -बाड़ी योजना समेत कई योजनाएं सरकार ने शुरू की है। ये सभी योजनाएं ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती दे रही हैं।

 गरीबी उन्मूलन के क्षेत्र में हो रहा कार्य

नज इंस्टिट्यूट की ओर से बताया गया कि वे राज्य में गरीबी उन्मूलन के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं।  पिछले 3 वर्षों के दौरान लोहरदगा, गुमला और लातेहार जिला में अति गरीब परिवार की दीदियों को स्वयं सहायता समूह के जरिए आजीविका से जोड़ा गया है ।इसमें केंद्र सरकार, राज्य सरकार, एनआरएलएम और जेएसएलपीएस की ओर से सहयोग दिया जा रहा है। इसी का परिणाम है कि ये दीदियां आज आत्मनिर्भर बन चुकी है। ये दीदियां आज घर -परिवार की आमदनी में बड़ा योगदान कर रही हैं। बचत के प्रति भी इनका रुझान काफी सकारात्मक है। अब गोड्डा, पलामू और पूर्वी सिंहभूम जिले में “एंड अल्ट्रा पॉवर्टी प्रोग्राम” चलाया जा रहा है ।इसके जरिये 4 हज़ार अति गरीब महिलाओं को आजीविका से जोड़ने का काम हो रहा है।

इस समारोह में मुख्यमंत्री के सचिव श्री विनय कुमार चौबे, दि नज़ इंस्टीट्यूट के  फाउंडर और सीईओ श्री अतुल सतीजा, केपीएमजी के श्री  रितेश चोपड़ा, श्रीमती लक्ष्मी लिंगम और बड़ी संख्या में दीदियां मौजूद थीं।

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