Chief Minister Milk Production Sambal Yojana became a boon Rajasthan tops in milk production

जयपुर 01 जून,(एजेंसी)। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विश्व दुग्ध दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा है कि ‘यह गर्व का विषय है कि राजस्थान दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में पूरे देश में पहले नंबर पर है।’ राजस्थान के दुग्ध उत्पादकों ने देश के कुल दुग्ध उत्पादन का 15.05 प्रतिशत कर प्रदेश का परचम लहरा दिया, इसके लिए राजस्थान सरकार की मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना का बहुत बडा योगदान है।

केंद्र सरकार के पशुपालन विभाग की वार्षिक प्रकाशन ‘बुनियादी पशुपालन सांख्यिकी 2022’ के अनुसार  2021-22 में 221.06 मिलियन टन दुग्ध उत्पादन हुआ जो गत वर्ष की तुलना में 5.29 प्रतिशत ज्यादा था। राजस्थान के अलावा उत्तर प्रदेश 14.93, मध्यप्रदेश 8.06, गुजरात 7.56 एवं आंध्रप्रदेश 6.97 प्रतिशत के साथ अन्य मुख्य दुग्ध उत्पादक राज्य हैं। दूध की विश्वव्यापी महत्ता को दुखते हुए 1 जून, 2001 से विश्व दुग्ध दिवस की शुरूआत की गई थी। राजस्थान कॉ-ऑपरेटिव डेयरी फैडरेशन की प्रबंध निदेशक कहती हैं कि देश में सबसे ज्यादा दूध का उत्पादन राजस्थान में हो रहा है इसका श्रेय मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादन संबल योजना को दिया जाना चाहिए।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 2019 में इस योजना की शुरूआत की, इसके बाद 2022-23 की बजट घोषणा में दुग्ध उत्पादकों को दिया जाने वाला अनुदान 2 रूपए प्रति लीटर से बढा कर 5 रूपए प्रति लीटर कर दिया। इसका परिणाम यह हुआ कि दुग्ध उत्पादन तेजी से बढा, उत्पादकों की आय बढी तो पशु बढे और घर में खुशहाली आई। सुषमा कहती हैं कि योजना की शुरूआत सु लेकर अब तक 1109 करोड रूपएका अनुदान दुग्ध उत्पादकों को दिया जा चुका है। इस वित्तीय वर्ष में 550 करोड रूपए अनुदान के रूप में दिया जाना प्रस्तावित है। उन्होंने कहा कि सरस डेयरी ने 10 जनवरी, 2023 को एक दिन में 52 लाख, 51 हजार लीटर दूध का संकलन कर एक कीर्तिमान स्थापित किया, 1977 में अपनी स्थापना के बाद 45 सालों में ऐसा पहली बार हुआ। इस मामले में दिलचस्प बात यह है कि आरसीडीएफ से जुडी गांव स्तर पर 17,805 दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियां हैं, जिनका सफल संचालन महिलाओं द्वारा किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर देने के लिए वर्तमान वित्तीय वर्ष में 5 हजार डेयरी बूथ खोलने की घोषणा करते हुए कहा था कि इनमें से एक हजार डेयरी बूथ महिलाओं एवं महिला स्वयंसहायता समूहों को दिए जाएंगें। इसकी पालना में 31 अगस्त, 2022 तक 434 डेयरी बूथ आवंटित कर दिए जिनमें से 282 बूथ महिलाओं और समूहों को आवंटित किए गए। वित्तीय वर्ष 2021-22 में भी 5 हजार से अधिक डेयरी बूथ खोलने की घोषण की गई थी, 31 मार्च, 2022 तक 5 हजार, 269 डेयरी बूथ खोले गए।

जयपुर जिले के ग्राम रामपुरा डाबडी की दुग्ध उत्पादक रजनी देवी का कहना है कि मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादन संबल योजना से मुझे आर्थिक रूप से बहुत मजबूती मिली है। इस योजना से मिलने वाले पैसों से पशुओं के आहार आदि खरीदने में मदद मिलती है। यह योजना पशुपालकों के लिए वरदान है। इसी तरह दौसा जिले के ग्राम खेडला के दुग्ध उत्पादक राजेश ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस योजना से मिल रहे अनुदान से मेरे जीवन स्तर में सुधार आया है, आय में वृद्धि हुई है और हमारी मेहनत का उचित पारिश्रमिक मिलने लगा है। ध्यान देने वाली बात यह है कि मुख्यमंत्री ने बाल गोपाल योजना के तहत 67,760 शिक्षण संस्थानों के 68.56 लाख बच्चों को निशुल्क दूध वितरण का निर्णय किया है जिसमें आरसीडीएफ की बहुत बडी भूमिका है।

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