Chief Minister addressed the golden jubilee ceremony of Arya Samaj, Nai Bazaar district Basti

लखनऊ 04 अक्टूबर (एजेंसी) । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  ने कहा कि आर्य समाज व इसकी डी0ए0बी0 संस्थाएं शिक्षा को संस्कारों से जोडऩे का कार्य अनवरत कर रही हैं। आर्य समाज ने सबसे पहले स्वदेशी अपनाकर अछूतों के उद्धार का आन्दोलन चलाया। क्रान्तिकारियों ने भी इस विचारधारा को मानकर देश को स्वतंत्र कराने में अपना योगदान दिया। आर्य समाज ने रूढिय़ों एवं आडम्बरों का निरन्तर विरोध किया। आज भी यह जन-जन को अच्छे आचरण एवं संस्कारों से महिमामण्डित करने का कार्य कर रहा है।

सर्वप्रथम वर्ष 1995 में जनपद बस्ती में आर्य समाज के कार्यक्रम में  ओम प्रकाश आर्य के आह्वान पर वे शामिल हुए थे। 28 वर्षों बाद भी  ओम प्रकाश आर्य उसी ऊर्जा से आर्य समाज के उत्थान में अपना पूर्ण योगदान दे रहे हैं।मुख्यमंत्री  आज आर्य समाज, नई बाजार जनपद बस्ती के स्वर्ण जयन्ती समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि महर्षि दयानन्द सरस्वती के आदर्शां का पालन करते हुए आर्य समाज के लोगों ने भारतीय समाज को नयी दिशा दी है। आर्य समाज भारत का एक जीवन्त आन्दोलन रहा है।

स्वदेशी आन्दोलन के माध्यम से आर्य समाज ने लोगों को जोडऩे का काम किया और आजादी की लड़ाई में लोगों को एकजुट किया था। काकोरी ट्रेन एक्शन के महानायक पं0रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां, ठाकुर रोशन सिंह भी आर्य समाज से जुड़कर आजादी की लड़ाई में शामिल हुए थे।मुख्यमंत्री  ने कहा कि आर्य समाज ने देश की आजादी के आन्दोलन में निर्भीकता के साथ सहयोग किया है। आर्य समाज ने ब्रिटिश काल मे धर्मान्तरण के अनैतिक कार्यों का विरोध किया था। महर्षि दयानन्द सरस्वती ने अछूतोद्धार एवं घर वापसी के कार्यक्रम को आगे बढ़ाया था। आर्य समाज का कराची तक बोलबाला था।

महर्षि दयानन्द सरस्वती ने डी0ए0बी0 शिक्षण संस्थाओं की स्थापना की थी, जिसको आर्य समाज ने आगे बढ़ाया था। यहां पर वैदिक शिक्षा एवं आध्यात्मिक शिक्षा को बढ़ावा मिलता रहा है।मुख्यमंत्री  ने कहा कि जनपद बस्ती में आर्य समाज की स्थापना करके लोगों ने परम्परा का निर्वाह किया है। विगत दिनों प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी  ने देश की राजधानी नई दिल्ली से महर्षि दयानन्द सरस्वती के 200वें वार्षिकोत्सव का शुभारम्भ किया था, जिसके माध्यम से प्रधानमंत्री जी ने देश व दुनिया में फैले हुए लाखों आर्यवीरों को जागृत किया था।

मुख्यमंत्री  ने आर्य समाज के प्रणेता महर्षि दयानन्द सरस्वती को नमन करते हुए लोगों से उनके द्वारा दिखाए गये मार्ग पर चलने का आह्वान किया। मुख्यमंत्री के सम्बोधन के पूर्व कार्यक्रम के आयोजक श्री ओम प्रकाश आर्य ने मुख्यमंत्री  को स्वामी दयानन्द सरस्वती द्वारा रचित ग्रंथ ‘सत्यार्थ प्रकाश’ की प्रति भेंट की। मुख्यमंत्री  ने  दिनेश कुमार आर्य द्वारा रचित पुस्तक ‘रचितांजलिÓ का विमोचन भी किया।

इस अवसर पर सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री  राकेश सचान सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, गणमान्य नागरिक तथा आर्य दल के कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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