Center to sanction Rs 650 crore for Kailash Mansarovar road

नई दिल्ली ,06 अप्रैल (आरएनएस)। कैलाश मानसरोवर सड़क के लिए 650 करोड़ रुपये मंजूर करेगा. केंद्र नेपाल या चीन के बजाय उत्तराखंड के रास्ते कैलाश मानसरोवर की यात्रा को सक्षम बनाने के लिए केंद्र सरकार जल्द ही 650 करोड़ रुपये से अधिक की सड़क परियोजान को मंजूरी देगा।
केंद्र सरकार भारत-चीन सीमा संपर्क सड़क के अंतिम खंड के लिए काम शुरू करने के लिए तैयार है जो कैलाश मानसरोवर को जोडऩे की सुविधा प्रदान करेगी। उत्तराखंड से यह लिंक रोड वाहनों को तीर्थ स्थल से सिर्फ 75 किमी दूर तक ड्राइव करने की अनुमति देगा।
सरकार परियोजना पर काम में तेजी लाने के लिए लगी हुई है। केंद्र मशीनीकृत निर्माण लाने के लिए एलएंडटी से लेकर टाटा समूह की टॉप कंस्ट्रक्शन कंपनियों और ठेकेदारों को शामिल करने की तैयारी कर रहा है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने पहले ही शीर्ष फर्मों के साथ बातचीत शुरू कर दी है। परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण कदम पूरा कर लिया गया है।
सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने अस्कोट से भारत-चीन सीमा तक पूरे 150 किलोमीटर लिंक का रोड फॉर्मेशन पूरा कर लिया है। रोड फॉर्मेशन में भौगोलिक और भूभाग की चुनौतियों के अलावा उसकी शेप को तय करना शामिल है जिस पर सड़क बनेगी। इस चुनौतीपूर्ण कार्य को बीआरओ ने दुर्गम हिमालयी इलाके में सफलतापूर्वक पूरा किया।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय अस्कोट से सीमा तक की आखिरी 80 किलोमीटर सड़क को पक्का करने के लिए फंड मंजूर करने के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा, इस मामले में सबसे कठिन हिस्सा रोड फॉर्मेशन था। अब रोड फॉर्मेशन के साथ, रोड बनना शुरू हो जाएगा। केंद्र द्वारा जल्द ही इसकी मंजूरी दी जाएगी। हम पूरे दो लेन सड़क राजमार्ग को 2-3 साल के भीतर पूरा करने की उम्मीद करते हैं।
एक बार पूरी सड़क बन जाने के बाद उत्तराखंड के पिथौरागढ़ से भारत चीन सीमा तक 5-6 घंटे में पहुंचा जा सकता है। अधिकारी ने कहा कि वहां से साइट पर पहुंचने में करीब दो घंटे का समय लगेगा। वर्तमान में दो से तीन हफ्ते में कैलाश मानसरोवर पहुंच सकते हैं। अभी के मार्ग सिक्किम या नेपाल के माध्यम से हैं।

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