Celery exports increased by about 158 percent since 2013Celery exports increased by about 158 percent since 2013

*भारत का वस्तु निर्यात जनवरी 2022 में लगभग 336 बिलियन डॉलर तक पहुंचा

नईदिल्ली  (आरएनएस) भारत के अजवाइन का निर्यात अप्रैल-दिसंबर 2013 के 1.5 मिलियन डॉलर की तुलना में अप्रैल-दिसंबर 2021 में लगभग 158 प्रतिशत बढ़कर 3.7 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया।
अजवाइन के भारतीय निर्यात के प्रमुख गंतव्य स्थान हैं: अमेरिका (23.3 प्रतिशत), सऊदी अरब (20.1 प्रतिशत), कनाडा (11.2 प्रतिशत), नेपाल (11 प्रतिशत) तथा ब्रिटेन (9.1 प्रतिशत)।
भारत के निर्यात में लगातार वृद्धि देखी जा रही है। उल्लेखनीय है कि जनवरी 2022 में भारत के वस्तु निर्यात में जनवरी 2021 के 27.54 बिलियन डॉलर के मुकाबले 23.69 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई और यह बढ़कर 34.06 बिलियन डॉलर तक जा पहुंचा। जनवरी 2020 के 25.85 बिलियन डॉलर के मुकाबले इसमें 31.75 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
भारत का वस्तु निर्यात 2021-22 (अप्रैल-जनवरी) में 2020-21 (अप्रैल-जनवरी) के 228.9 बिलियन डॉलर की तुलना में 46.53 प्रतिशत बढ़कर 335.44 बिलियन डॉलर तक जा पहुंचा। 2019-20 (अप्रैल-जनवरी) के 264.13 बिलियन डॉलर की तुलना में इसमें 27.0 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई।
सरकार निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कई सक्रिय कदम उठाती रही है। बाधाओं, समस्याओं तथा विशेष रूप से महामारी के दौरान निर्यातक समुदाय के समक्ष आने वाले व्यवधानों को दूर करने के लिए एक निर्यात निगरानी डेस्क का गठन किया गया है।
पुराने तथा अप्रचलित प्रावधानों को हटाने के लिए वाणिज्य विभाग के तहत विभिन्न अधिनियमों की समीक्षा की जा रही है। बड़े उत्साह के साथ कई द्विपक्षीय व्यापार समझौतों को आगे बढ़ाया जा रहा है। सरकार एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) जैसी पहलों के जरिये भारत के प्रत्येक जिले को एक निर्यात हब के रूप में विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है। निर्यातकों को विभिन्न निर्यातक केंद्रित योजनाओं के माध्यम से सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। विवेकीकरण तथा गैर अपराधीकरण के जरिये अनुपालनों में कमी लाने के प्रयास किए जा रहे हैं तथा व्यवसाय करने की सुगमता में सुधार लाने के लिए कई अभिनव पहलें की जा रही हैं।
निर्यातकों को लाइसेंसिंग प्रदान करने तथा कार्य से संबंधित उनकी शिकायतों को दूर करने के लिए एक आईटी आधारित प्लेटफार्म उपलब्ध कराया जा रहा है। सरकार एक भरोसेमंद आपूर्तिकर्ता के रूप में भारत की वैश्विक स्थिति में सुधार के लिए भारतीय निर्यात की ब्रांडिंग के मूल्य को बढ़ाने पर भी काम कर रही है और देश को वैश्विक मूल्य श्रृंखला के साथ जोडऩे के लिए सक्रिय कदम उठाये जा रहे हैं।

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