विशाखापतनम 30 Dec, (एजेंसी) : केन्द्रीय जांच ब्यूरो ( सीबीआई) मामलों की एडिशनल स्पेशल कोर्ट के न्यायाधीश सीएन मूर्ति ने बैंक धोखाधड़ी मामले में शुक्रवार को सुनाये गए फैसले में मैसर्स मास्टर स्टील ट्यूब के प्रबंध सहायक एम सुधाकर राव को दोषी करार दिया।
यहां सीबीआई की एक विज्ञप्ति में कहा गया कि अदालत ने सुधाकर को पांच साल की कठोर कैद और कुल 6,000 रुपये का जुर्माना भरने की सजा सुनाई।
यह आरोप लगाया गया था कि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के आरोपी लोक सेवकों ने बेईमानी और धोखाधड़ी के इरादे से और अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग करके, निजी व्यक्तियों और स्वीकृत बैंक मूल्यांकनकर्ताओं के साथ मिलकर यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, लघु उद्योग वित्त शाखा को धोखा देने की साजिश रची।
विशाखापत्तनम और उक्त आपराधिक साजिश के तहत 52.50 लाख रुपये का नकद क्रेडिट, 39 लाख रुपये का अंतर्देशीय ऋण पत्र, दो लाख रुपये की कार के लिए सावधि ऋण के लिए
बढ़ी हुई संपार्शि्वक और अतिरिक्त संपार्शि्वक प्रतिभूतियों और जाली लॉरी रसीदें तथा चालान स्वीकृत किए गए। इस तरह बैंक को गलत तरीके से 60,49,227 रुपये का नुकसान और खुद को पहुंचाया गया।
सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने मैनेजिंग पार्टनर को आईपीसी की धारा 420 और 120-बी के तहत अपराध के लिए दोषी ठहराया।
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