नई दिल्ली 16 Aug. (Rns/FJ): जाति विवाद : एनसीबी मुंबई के पूर्व जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े को कास्ट स्क्रूटनी कमिटी से क्लीन चिट मिल गई है। इस मौके पर समीर वानखेड़े ने कहा कि 11 महीने बाद उन्हें न्याय मिला है, लेकिन इसके बदले में उनके परिवार और बच्चों को तनाव झेलना पड़ा। महाराष्ट्र सरकार में मंत्री रहे नवाब मलिक ने मुंबई एनसीबी के पूर्व जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े पर आरोप लगाए थे कि समीर वानखेड़े मुस्लिम हैं और नौकरी पाने के लिए उन्होंने फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाया है। इस मामले में कास्ट स्क्रूटनी कमिटी ने इन तथ्यों को गलत पाया और समीर वानखेड़े को क्लीन चिट दे दी। कमिटी ने कहा कि समीर वानखेड़े अनुसूचित जाति के अंतर्गत महार जाति से ही ताल्लुक रखते हैं।
मामले की आगे की सुनवाई में शामिल होने नेशनल कमीशन फॉर शेड्यूल कास्ट के दफ्तर में पहुंचे समीर वानखेड़े ने कहा कि 11 महीने बाद आखिरकार मुझे न्याय मिला है। इसके लिए उन्होंने नेशनल कमीशन फॉर शेड्यूल कास्ट और केंद्र सरकार का धन्यवाद दिया। समीर वानखेड़े ने कहा कि मेरी 42 साल की जिंदगी में कभी इस तरह के आरोप नहीं लगे।
समीर वानखेड़े का कहना था, कि वो नवाब मलिक पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे, लेकिन जिस तरह के झूठे आरोप मेरे परिवार पर लगाए गए, उससे बच्चों तक ने बेहद तनाव का सामना किया है। समीर वानखेड़े ने बताया कि उन्होंने महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक के खिलाफ मुंबई के गोरेगांव पुलिस में मामला भी दर्ज करवाया है, साथ ही मानहानि की धाराओं में भी केस दर्ज किया गया है।
दरअसल, ये पूरा मामला तब सामने आया जब समीर वानखेड़े ने अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान समेत कई लोगों को मुंबई में क्रूज ड्रग्स मामले में पकड़ा था। आर्यन खान को तो इस मामले में क्लीन चिट दे दी गई, लेकिन जांच के दौरान नवाब मलिक ने समीर वानखेड़े पर फिरौती लेने, फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाने समेत कई गंभीर आरोप लगाए थे। इसके अलावा एक शिकायतकर्ता ने भी इसी तरह के आरोप लगाते हुए समीर वानखेड़े का कथित फर्जी जाति प्रमाण पत्र और निकाहनामा जमा किया था।
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