Calcutta High Court ruled in favor of Harshvardhan Lodha continuing as chairman of MP Birla Group.

कोलकाता 15 Dec, (एजेंसी):कलकत्ता उच्च न्यायालय ने हर्षवर्धन लोढ़ा के एम.पी. बिड़ला समूह का अध्यक्ष पद पर बने रहने के पक्ष में फैसला सुनाया। मुख्य न्यायाधीश टी.एस. शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने प्रियंवदा देवी बिड़ला की संपत्ति के प्रशासकों को कंपनियों के दैनिक कार्यों में हस्तक्षेप करने से भी रोक दिया।

लगभग तीन साल पहले, एकल न्यायाधीश ने एक आदेश पारित कर “विस्तारित संपत्ति” की एक संदिग्ध अवधारणा के आधार पर लोढ़ा को एम.पी. बिड़ला समूह के अध्यक्ष पद से हटाने का निर्देश दिया था। मामले को चुनौती दी गई और खंडपीठ ने गुरुवार को 300 पन्नों का फैसला सुनाया, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया कि निचली अदालत एम.पी. बिड़ला समूह की कंपनियों, ट्रस्टों और सोसायटियों के कामकाज में हस्तक्षेप नहीं कर सकती।

पीठ ने 18 सितंबर,2020 को पारित कलकत्ता उच्च न्यायालय के एकल न्यायाधीश के विवादित फैसले का जिक्र करते हुए अपने फैसले में कहा, “वसीयतनामा न्यायालय से कंपनियों की भविष्य की कार्रवाई को प्रभावित करने वाला कोई सार्वभौमिक या गतिशील निषेधाज्ञा या निर्देश नहीं हो सकता।” पीठ ने कहा, “सिर्फ इसलिए कि वसीयतकर्ता (प्रियंवदा देवी बिड़ला) खुद कानून के मुताबिक ऐसी कार्रवाई नहीं कर सकती थीं, अदालत ने ऐसा किया।”

गुरुवार के फैसले ने प्रशासकों की समिति के कामकाज पर कई प्रतिबंध लगाए, जिसने पिछले कुछ वर्षों में 2:1 बहुमत से कई फैसले लिए हैं और एम.पी. बिड़ला समूह की कंपनियों, ट्रस्टों और सोसाइटियों पर दबाव डाला है। कंपनी द्वारा जारी एक बयान में दावा किया गया कि बिड़ला समूह इन्हें लागू करेगा।

फैसले पर गहरा संतोष व्यक्त करते हुए लोढ़ा परिवार का प्रतिनिधित्व करने वाली सॉलिसिटर फर्म, फॉक्स एंड मंडल के पार्टनर देबंजन मंडल ने कहा कि उनका ग्राहक न्यायपालिका के प्रति अपनी गहरी कृतज्ञता और नागरिक अधिकारों के अंतिम रक्षक के रूप में उस पर विश्‍वास करना चाहता है।

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