भोपाल,14 अप्रैल (एजेंसी)। भारत रत्न डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर की जयती के अवसर पर उनकी जन्मस्थली महू में बहड़े राजनीतिक आयोजन हुए। इन आयोजनों के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और भीम आर्मी के चंद्रशेखर आजाद आये। वे नेता अलग-अलग कार्यक्रमों को संबोधित करेंगे। अंबेडकर जयंती के बहाने दलितों को रिझाने की कोशिश कांग्रेस, भाजपा, सपा और भीम आर्मी कर रहे हैं। अखिलेश यादव की यह पहली महू यात्रा है। जबकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अंबेडकर जयंती पर लगातार हर वर्ष आते रहे हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौळान ने अंबेडकर स्मारक पर श्रद्धा सुमन चढ़ाने आ रहे हजारों बाबा साहेब के अनुयायियों को राजकीय अतिथि का दर्जा देकर सारी सुविधाएं सरकारी स्तर पर देने का उपक्रम पिछले कई सालों से प्रारंभ किया है। कोरोना संक्रमण काल के दो वर्षों को छोड़कर शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में महू में लगातार बड़ा आयोजन सरकारी स्तर पर किया जाता है जिसमें श्रद्धालुओं को रहने, खाने और पीने के मुफ्त सुविधा मिलती है।
प्रदेश में लगभग एक करोड़ 30 लाख दलित मतदाता हैं। प्रदेश की 35 विधानसभा सीटें दलितों के लिए आरक्षित हैं। पिछली बार भाजपा ने दलितों के लिए आरक्षित 35 में से 18 और कांग्रेस ने 17 सीटें जीती थीं। जबकि 2018 और 2013 में यह आंकड़ा क्रमश: 26 और 28 सीटों का था। जाहिर है पिछले चुनाव में भाजपा को दलितों का काम समर्थन मिला जिसका खामियाजा उसे सत्ता गंवाकर चुकाना पड़ा था। प्रदेश में दलितों के लिए भले ही 35 विधानसभा सीटें आरक्षित हों लेकिन उनका प्रभाव 55 सीटों पर माना जाता है।
मालवा निमाड़ में उज्जैन, देवास, शाजापुर, मंदसौर, नीमच और आगर जिलों में दलितों की बड़ी संख्या रहती है। इस क्षेत्र में दो लोकसभा क्षेत्र दलितों के लिए आरक्षित हैं। मालवा निमाड़ में बड़ी संख्या में बलाई समाज के दलित रहते हैँ। दलित समाज एक समय कांग्रेस का परंपरागत वोटर था लेकिन अयोध्या आंदोलन के बाद परिस्थितियां बदलीं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अनुषांगिक संगठन सेवा भारती ने दलितों के बीच अनेक सेवा प्रकल्प प्रारंभ किए इसी का नतीजा है कि भाजपा दलित आरक्षित सीटों पर सबसे अधिक विजय होती है।
भाजपा ने अपने स्थापना दिवस छह अप्रैल से ही दलितों और अति पिछड़ों के लिए अनेक कार्यक्रम आयोजित किए हैं। पार्टी ने 11 अप्रैल को महात्मा फुले की जन्म जयंती पर भी अनेक कार्यक्रम किए। 11 अप्रैल से 16 अप्रैल तक समरसता सप्ताह मना रही है। इसके अलावा भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दलित समाज के लिए लगातार घोषणाएं कर रहे हैं।
यही नहीं दलितों की विभिन्न पंचायतों की बैठकें भी वे अपने निवास पर बुला रहे हैँ। संभव है अंबेडकर जयंती पर भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कई बड़ी घोषणा करें इधर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के नेतृत्व में पार्टी प्रदेश व्यापी कार्यक्रम बनाने जा रही है जिसमें बाबा साहेब को याद किया जाएगा। कांग्रेस की कोशिश यह बताने की होगी कि दलितों की असली हितैषी वही है जबकि भाजपा दलित विरोधी मानसिकता से पार्टी है।
दलित वोट बैंक पर दावा करने के लिए इस बार भीम आर्मी के चंद्रशेखर रावण जोरशोर से अभियान चला रहे हैं। उन्होंने प्रदेश में अनेक बड़ी रैलियां भी की हैं। बहुजन समाज पार्टी के कमजोर होने के बाद चंद्रशेखर रावण का दावा बसपा के वोटरों पर है। समाजवादी पार्टी और भीम आर्मी गठजोड़ कर प्रदेश के विंध्य बघेलखंड और ग्वालियर चंबल अंचल में मिलकर चुनाव लड़ेगी।
भीम आर्मी प्रदेश में अपने 200 के लगभग उम्मीदवार उतारने जा रही है। भीम आर्मी समाजवादी पार्टी और असदुद्दीन औवेसी की पार्टी के साथ गठबंधन भी करेगी। संभव है इस गठबंधन में जयस भी शामिल हो जाए।
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